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2 से 18 साल के बच्चों को लगेगी कोवैक्सीन? मांगी गई अमेरिका में देसी वैक्सीन के इस्तेमाल की मंजूरी

Renuka Sahu
6 Nov 2021 5:05 AM GMT
2 से 18 साल के बच्चों को लगेगी कोवैक्सीन? मांगी गई अमेरिका में देसी वैक्सीन के इस्तेमाल की मंजूरी
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फाइल फोटो 

भारत की देसी वैक्सीन कोवैक्सीन का लोहा आखिरकार दुनिया मान ही गई।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भारत की देसी वैक्सीन कोवैक्सीन का लोहा आखिरकार दुनिया मान ही गई। विश्व स्वास्थ्य संगठन से मंजूरी मिलने के बाद अब इसकी स्वीकार्यता पूरी दुनिया में बढ़ गई है। अगर सबकुछ सही रहा तो भारत बायोटेक की कोवैक्सीन दो साल से 18 साल के बच्चों में भी लगाई जा सकती है। कोविड-19 रोधी टीके कोवैक्सीन के लिए अमेरिका और कनाडा में भारत बायोटेक की सहयोगी ओक्यूजेन इंक ने शुक्रवार को कहा कि उसने बच्चों के लिए टीके के इस्तेमाल को लेकर अमेरिकी खाद्य और औषधि प्रशासन (एफडीए) के पास आवेदन दिया है।

ओक्यूजेन ने नियामक से कहा है कि उसका आवेदन भारत बायोटेक द्वारा दो साल से 18 साल के 526 बच्चों-किशोरों पर भारत में दूसरे-तीसरे चरण के 'क्लीनिकल ट्रायल' के नतीजे पर आधारित है। टीके के असर को जानने के लिए भारत में करीब 25,800 वयस्कों पर किए गए तीसरे चरण के नतीजे का भी उल्लेख किया गया है।ओक्यूजेन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, सह-संस्थापक तथा बोर्ड के अध्यक्ष शंकर मुसुनूरी ने कहा, 'बाल चिकित्सा उपयोग को लेकर अमेरिका में आपातकालीन उपयोग इस्तेमाल के लिए आवेदन देना टीके को उपलब्ध कराने और कोविड-19 महामारी से निपटने में मदद करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।'
उन्होंने कहा कि कुछ अध्ययन से यह विचार सामने आया है कि लोग खुद के लिए और खासकर अपने बच्चों के लिए टीका के चयन में और विकल्प चाहते हैं। नये किस्म के टीका के उपलब्ध होने से लोग डॉक्टरों से परामर्श कर अपने बच्चों के लिए बेहतर फैसला कर पाएंगे। हाल में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोवैक्सीन के आपाकालीन इस्तेमाल को मंजूरी दे दी थी।
बता दें कि कोवैक्सीन को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की मंजूरी की सिफारिश उन हजारों भारतीयों के लिए राहत की सौगात लेकर आई है, जो पढ़ाई या कारोबार के सिलसिले में विदेश यात्रा करने की योजना बना रहे हैं। दरअसल, डब्ल्यूएचओ की आपात सूची में शामिल टीकों को वैश्विक स्तर पर बेहद प्रभावी एवं सुरक्षित माना जाता है। कोवैक्सीन को आपात उपयोग के लिए सूचीबद्ध किए जाने से दुनिया के तमाम देश भारत में विकसित इस टीके को वैक्सीन पासपोर्ट में शामिल करने की मंजूरी देने को प्रेरित होंगे। इससे कोवैक्सीन लगवाने वाले यात्रियों को संबंधित देश में पहुंचकर क्वारंटीन होने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उन्हें कोरोना जांच की नेगेटिव रिपोर्ट पेश करने से भी छूट मिल जाएगी।
कोवैक्सीन के कुछ अहम पड़ाव
-19 अप्रैल 2021 : भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन को डब्ल्यूएचओ की आपात उपयोग सूची में शामिल करने के लिए ईओआई (रुचि अभिव्यक्ति) पेश की
-26 अक्तूबर 2021 : डब्ल्यूएचओ के तकनीकी सलाहकार समूह ने टीके के क्लीनिकल परीक्षण से जुड़े डाटा की समीक्षा की, अतिरिक्त जानकारी तलब की
-03 नवंबर 2021 : तकनीकी सलाहकार समूह ने दस्तावेजों के विश्लेषण के बाद कोवैक्सीन को आपात उपयोग के लिए सूचीबद्ध किए जाने की सिफारिश की
इन देशों ने स्वीकारा-ऑस्ट्रेलिया, एस्टोनिया, किर्गिस्तान, फिलिस्तीन, मॉरीशस, मंगोलिया, ओमान


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