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रोशनी एक्ट योजना को वापस लाएंगे : गुलाम नबी आज़ाद

Nilmani Pal
24 Feb 2023 2:22 AM GMT
रोशनी एक्ट योजना को वापस लाएंगे : गुलाम नबी आज़ाद
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सोर्स न्यूज़   - आज तक  

जम्मू। डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पार्टी (DPAP) के अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि अगर उनकी पार्टी सरकार बनाती है तो वह रोशनी एक्ट योजना को वापस लाएंगे, जिसने जम्मू-कश्मीर के हजारों गरीब लोगों को लाभान्वित किया था.

आजाद कोकेरनाग के लारनू में जनसभा को संबोधित कर रहे थे, जहां एसटी लीडर हारून खटाना डीपीएपी में शामिल हुए. पूर्व सीएम ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि रोशनी योजना को रद्द कर दिया गया. इस योजना के तहत गरीब लोगों को दी गई जमीन को वापस ले लिया गया, जिससे हजारों परिवार रातों-रात बेघर हो गए. DPAP चीफ ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के जमीन उसके ही लोगों की है चाहे वह हिंदू हो या मुस्लिम, सिख या किसी अन्य धर्म-जाति से. किसी भी सरकार को इसे लोगों से छीनने का अधिकार नहीं है. आजाद ने आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर की आम जनता में डर और चिंता है और वह इसे हटाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि डर के बीच कोई भी समाज कभी समृद्ध और विकसित नहीं हो सकता है और वह यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी व्यक्ति को परेशान न किया जाए. वह एक सम्मानित और शांतिपूर्ण जीवन व्यतीत करे.

उन्होंने कहा कि मैं नहीं चाहता कि पुलिस किसी के दरवाजे पर दस्तक दे. जब मैं एक राज्य का मुख्यमंत्री था, तो सैकड़ों उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण किया और शांतिपूर्ण जीवन जीने की कसम खाई, लेकिन चीजें फिर से परेशान करने वाली लगती हैं. मेरी कोशिश यह सुनिश्चित करने की होगी कि अगर मेरी पार्टी सत्ता में आती है तो सभी सुरक्षित और शांतिपूर्ण तरीके से रहें और जीवन जीएं. उन्होंने कहा कि अगर कुछ लोगों ने कानून का दुरुपयोग किया है और जमीन का एक बड़ा हिस्सा हड़प लिया है तो किसी भी सरकार को यूटी की 70% आबादी को अतिक्रमणकारी घोषित करने का अधिकार नहीं है. आजाद ने कहा कि हमारे पास जम्मू-कश्मीर में बैक-टू-बैक संकट हैं. न केवल लोग असुरक्षित महसूस करते हैं बल्कि आर्थिक रूप से गरीब बिजली के बढ़ते बिल, पानी के शुल्क और अब संपत्ति टैक्स से दबे हुए हैं.

मेरा उद्देश्य जम्मू-कश्मीर को एक कल्याणकारी राज्य के रूप में बनाना है जहां लोगों की अर्थव्यवस्था एक हद तक बढ़ती है, वे खुद टैक्स चुकाने को तैयार हैं. उन्होंने कहा कि घटते आर्थिक अवसरों के बीच लोगों पर जबरन टैक्स लगाना बिल्कुल भी सही नहीं है.


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