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सरकारी अस्पताल गोवा मेडिकल कॉलेज (GMC) में मई के महीने में डार्क ऑवर में मौत के मामले में जांच कमिटी की रिपोर्ट सामने आई है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। गोवा (Goa) के सरकारी अस्पताल गोवा मेडिकल कॉलेज (GMC) में मई के महीने में डार्क ऑवर में मौत के मामले में जांच कमिटी की रिपोर्ट सामने आई है. दरअसल मई महीने में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान (Coronavirus In Goa) रात 2 से सुबह 6 बजे तक कई मौतें होती थीं. शुरुआती जांच में पता चला था कि ऑक्सीजन सिलेंडर बदलते समय यह मौतें हुईं. फिर सरकार के आदेश के बाद जांच कमिटी बनाई गई. तीन सदस्यीय टीम ने अपनी जांच रिपोर्ट में कहा है कि जीएमसी मरीजों की संख्या संभाल नहीं सका और कई तरह की गलतियां कीं. रिपोर्ट में कहा गया है कि ऑक्सीजन की कमी से मौतें नहीं हुई हैं. रिपोर्ट के अनुसार GMC ने एक्सपर्ट्स की राय नहीं मानी.
रिपोर्ट के अनुसार ऑक्सीजन कांट्रैक्टर ने बिना बताए GMC को प्राइवेट अस्पतालों की ऑक्सीजन देना बंद कर दिया, जिससे GMC पर मरीजों का भार आ गया. उधर, इस मामले में गोवा फारवर्ड पार्टी के जनरल सेक्रेटरी दुर्गादास कामत ने कहा कि 'इस रिपोर्ट यह साफ हो गया है कि मौत की वजह क्या थी. बीजेपी को इस मामले में 'हत्यारा' कहना सही है. हम शुरू से ही कह रहे थे कि ऑक्सीजन के मामले में मौतें हो रही हैं. अब यह पूरी तरह से साफ हो गया है और गोवा के सीएम को इस्तीफा दे देना चाहिए.'
विधानसभा में भी मुद्दा बनेगी रिपोर्ट!
दूसरी ओर गोवा में दो दिनों के विधानसभा सत्र में भी विपक्ष यह मुद्दा उठ सकता है. बता दें कि इस साल कोरोना की दूसरी लहर में मई के महीने में 10 मई से लेकर 13 मई तक गोवा के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में रात 2 बजे से लेकर सुबह 6 बजे के बीच लगातार तीन दिनों तक मरीजों की मौतें होती रही. डार्क ऑवर में मौतें होने के बाद राज्य सरकार ने इस पूरे मामले की जांच के लिए तीन सदस्यों की टीम भी बनाई थी, जिसने अब अपनी रिपोर्ट सौंपी है.
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