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ऐसा डर क्यों? आशा कार्यकर्ताओं को देखकर भाग रहे हैं लोग

Nilmani Pal
23 Jan 2022 3:12 PM GMT
ऐसा डर क्यों? आशा कार्यकर्ताओं को देखकर भाग रहे हैं लोग
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कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच सरकार वैक्सीनेशन (Corona vaccination) को बढ़ाने का हर संभव प्रयास कर रही है. लेकिन देश की राजधानी दिल्ली में टीकाकरण का विरोध करने वालों की कमी नहीं है. कोरोना टीकाकरण को लेकर आज भी हेल्थ वर्कर्स को जद्दोजहद करनी पड़ रही है. लोग आज भी वैक्सीन लेने से डर रहे हैं. यही नहीं घर-घर जाकर लोगों को वैक्सीनेशन देने वाले हेल्थ केयर वर्कर्स को लोग देखते ही दरवाजा बंद कर देते हैं.

इतना ही नहीं लोग हेल्थ केयर वर्कर्स के साथ बदसलूकी और गाली-गलौज पर उतर आए हैं. राष्ट्रीय चैनल आज तक की टीम ने इन्हीं हेल्थ केयर वर्कर्स के साथ ग्राउंड जीरो पर जाकर खुद ये जानने की कोशिश की आखिरकार उन्हें किस तरह की परिस्थितियों से गुजरना पड़ रहा है. दिल्ली के यमुना खादर जैसे इलाकों में नाव में सवार होकर जब यह हेल्थ केयर वर्कर्स यमुना के आसपास इलाकों में पहुंचकर लोगों को वैक्सीन लेने के लिए कह रहे हैं तो लोग भाग जाते हैं. जैसे-तैस आशा कार्यकर्ता इन लोगों को वैक्सीन के लिए समझाती है तो उन्हें कई तरह के सवालों का सामना करना पड़ता है. दिल्ली के मुस्तफाबाद इलाके में आलम यह है की आशा वर्कर्स को लोग मारने तक के लिए दौड़ पड़ते हैं.

आशा वर्कर्स नाजमीन ने बताया कि एक दिन कॉलोनी के लोग उनको मारने के लिए दौड़ पड़े जैसे-तैसे जान बचाकर वो डिस्पेंसरी पहुंची और अगले 3 दिन तक इस हादसे के कारण दफ्तर तक नहीं जा सकीं. वहीं एक और आशा कार्यकर्ता शबनम ने बताया कि जब वह लोगों के बीच वैक्सीन लेकर पहुंचती हैं तो उन्हें गंदी-गंदी गालियों का सामना करना पड़ता है. पुर्वी दिल्ली के मयूर विहार डिस्पेंसरी में काम करने वाली आशा मीना बताती हैं कि वो पिछले 2 साल से अपने परिवार वालों से सही से नहीं मिली है. परिवार वालों ने एक कमरा दे रखा है जिसमें वह हर रोज आकर के रहती हैं. उनको डर है कि कहीं कोरोना हो गया तो उनके पूरे परिवार इसकी चपेट में आ जाएगा.

पूर्वी दिल्ली की डिस्टिक मजिस्ट्रेट सोनिका सिंह की मानें तो वो हर दिन तमाम मुद्दों को लेकर हेल्थ केयर वर्कर्स के साथ मीटिंग करती हैं. उन्होंने कहा ऐसे में उन्हें हेल्थ वर्कर्स की परेशानियों को सुनकर तकलीफ होती है. सोनिका सिंह ने बताया कि आशा वर्कर्स टीकाकरण अभियान के सूत्रधार हैं. बगैर उनके इस सपने को पूरा नहीं किया जा सकता. ऐसे में हम उनकी हर मुश्किल को खत्म करने की पूरी कोशिश करते हैं. पूरी डिस्ट्रिक्ट टीकाकरण की इंचार्ज एसडीएम पूनम प्रकाश का कहना है कि जब आशा वर्कर्स जब थक हार जाती हैं और उनके पास अपनी परेशानियां लेकर के पहुंचती हैं, तो पूनम उनको समझती हैं. उन इलाकों में एनजीओ के साथ मिलकर काउंसलिंग करवाती हैं. तब जाकर के लोग वैक्सीन लेने के लिए राजी होते हैं.

पूर्वी दिल्ली के ही एडीशनल डिस्टिक मजिस्ट्रेट पुनीत पटेल का इस मामले पर कहना है कि कई ऐसी घटनाएं सामने आती हैं जिसमें आशा वर्कर्स और हेल्थ केयर वर्कर्स को लोग घेर लेते हैं. उस दौरान उन लोगों को लोकल एनजीओ और अमन कमेटी के लोगों की मदद से बाहर निकाला जाता है यही वजह है कि कई इलाकों में वैक्सीनेशन बहुत देरी से शुरू हुआ आज भी कई जगह परेशानियां आती हैं जिनको हम टैकल करते हैं.

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