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चुनाव आयोग क्यों कंफ्यूज है भाई! आदेश जारी करने के बाद खुद हटाया

jantaserishta.com
18 Feb 2022 2:49 AM GMT
चुनाव आयोग क्यों कंफ्यूज है भाई! आदेश जारी करने के बाद खुद हटाया
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नई दिल्ली: विधानसभा चुनाव के बीच पंजाब (Punjab Assembly Election) में राजनीतिक आरोप प्रत्यारोप तेज हो गए हैं. कवि और आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता कुमार विश्वास का वीडियो (Kumar Vishwas Video) सामने आने के बाद AAP बैकफुट पर आ गई. पार्टी ने कहा कि इससे दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) को बदनाम करने की साजिश रची जा रही है. आप की शिकायत के बाद चुनाव आयोग ने वीडियो के प्रसारण पर रोक लगा दी थी. लेकिन उसे घंटेभर बाद ही हटा दिया गया. राज्य के एडिशनल चीफ इलेक्टोरल अफसर ने एक लेटर में राजनीतिक पार्टियों से वीडियो का प्रसारण नहीं करने को कहा था. लेकिन इस आदेश को कुछ घंटों बाद ही वापस ले लिया गया.

पंजाब के चीफ इलेक्टोरल अफसर डॉक्टर एस करुणा राजू ने कहा कि लेटर 'अनजाने' में गलती से जारी हो गया था. दरअसल कुमार विश्वास ने समाचार एजेंसी एएनआई को एक इंटरव्यू दिया था. उसी का एक हिस्सा एएनआई ने ट्वीट कर दिया, जो खूब वायरल हो रहा है. इसमें कुमार विश्वास ने केजरीवाल पर खालिस्तानी तत्वों के साथ सांठगांठ करने का आरोप लगाया है. गुरुवार शाम आप पंजाब के सह-प्रभारी राघव चड्ढा ने चुनाव आयोग के लेटर को ट्वीट करते हुए कहा, 'पंजाब के चीफ इलेक्टोरल अफसर के कार्यालय ने मीडिया के साथ-साथ राजनीतिक दलों को भी एएनआई को दिए गए कुमार विश्वास के भड़काऊ वीडियो को आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए प्रकाशित /प्रसारित करने से रोका है.'
वीडियो को आचार संहिता का उल्लंघन बताया
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, लेटर आईएएस अधिकारी डीपीएस खरबंदा ने आम आदमी पार्टी की शिकायत के बाद लिखा था. जिसमें कहा गया है कि वीडियो एमसीएमसी (मीडिया प्रमाणन और निगरानी समिति) के जनादेश के खिलाफ है और आदर्श आचार संहिता के दिशानिर्देशों का सरासर उल्लंघन करता है. आप की शिकायत के बाद खरबंदा के राजनीतिक दलों को निर्देश देने वाले लेटर में कहा गया है, 'आपको इस वीडियो का प्रसारण सोशल मीडिया और टीवी चैनलों पर तुरंत रोकने का निर्देश दिया जाता है.'
राघव चड्ढा ने कुमार विश्वास से सवाल पूछे
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, चीफ इलेक्टोरल अफसर डॉक्टर एस करुणा राजू ने कहा कि उनके संज्ञान में आते ही लेटर को तुरंत वापस ले लिया गया. उन्होंने कहा, 'यह लेटर अनजाने में जारी हो गया था.' हालांकि मामले में डीपीएस खरबंगा की तरफ से कुछ नहीं कहा गया है. वहीं राघव चड्ढा की तरफ से मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की गई. जिसमें उन्होंने कुमार विश्वास से ही सवाल पूछ लिए. राघव ने कहा कि अगर अलगाववाद को समर्थन वाली बात सच थी तो सुरक्षा एजेंसियों को क्यों नहीं बताया? पार्टी 2016 में ही क्यों नहीं छोड़ी? आपको राज्यसभा की कुर्सी नहीं मिली तो आपने यह प्रोपेगेंडा शुरू कर दिया. क्या आप भी इसमें शामिल हैं?

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