भारत

मिलेनियल्स को कम उम्र से ही अपने पोषण पर ध्यान देने की आवश्यकता क्यों है?

Nilmani Pal
8 July 2022 8:09 AM GMT
मिलेनियल्स को कम उम्र से ही अपने पोषण पर ध्यान देने की आवश्यकता क्यों है?
x

Author: Rishi Modi, Nutritionist and Co-founder, HealthyHey

दैनिक आधार पर, तेज-तर्रार जीवन शैली से मेल खाने के लिए हम अधिक -उत्तेजित और निर्धारित होते जा रहे हैं जो आधुनिक समय की पहचान बन गई है। समय के साथ बने रहने के लिए, हम अपने विविध लक्ष्यों को पूरा करने के लिए शॉर्टकट ढूंढते हैं और अंत में अपने व्यवहार, सोच और जीवन विकल्पों पर नियंत्रण खो देते हैं। ऐसा ही एक शॉर्टकट हमारे दैनिक आहार से संबंधित है। आजकल जहाँ एक ओर हमारे पास समय की कमी है वहीं दूसरी ओर हम खाना बनाना पसंद भी नहीं करते, जिसने हमें टेक-आउट, फास्ट फूड और पहले से तैयार भोजन जैसे त्वरित भोजन विकल्पों की तलाश करने के लिए प्रेरित किया है। लेकिन दुर्भाग्य से ऐसे भोजनो में वसा, चीनी और कैलोरी की बहुत उच्च मात्रा होती है और आवश्यक पोषक तत्वों की बहुत कम। इसने एक अभूतपूर्व परिदृश्य को जन्म दिया है जहाँ हम तृप्त तो होते हैं लेकिन कभी पोषित नहीं। इसके अलावा, दुनिया भर के अधिकांश देश युवा किशोरों में फास्ट-फूड की खपत, कुपोषण और मोटापे जैसी कई समस्याओं का सामना कर रहे हैं।

हम सभी फास्ट फूड से जुड़े जोखिमों से अच्छी तरह वाकिफ हैं, जो आमतौर पर कैलोरी में उच्च और पोषक तत्वों में कम होते हैं, फिर भी बहुत कम लोग अपने पोषण और विटामिन आपूर्ति पर ध्यान देते हैं। इसके अलावा, मिलेनियल्स या जेनरेशन वाई (18 से 35 साल के बीच के लोग) भारत की आबादी का 65% हिस्सा हैं। इस तरह का उच्च प्रतिशत हमें अस्वास्थ्यकर आहार से लंबे समय में होने वाले प्रभाव को पूरी तरह से समझने की तत्काल आवश्यकता की ओर इशारा करता है। युवा पीढ़ी को कम उम्र से ही अपनी पोषण संबंधी आवश्यकताओं पर ध्यान केंद्रित करने और यह समझने की आवश्यकता है कि केवल कैलोरी गिनने से परे अच्छे पोषण में और क्या शामिल है।

बढ़ रहा है डायबिटीज टाइप - 2 का खतरा

आज के परिदृश्य के अनुसार, प्रत्येक 10 में से 2 भारतीय बच्चे अपने वजन सीमा से ऊपर हैं, जिनमें से कुछ 10 वर्ष से कम उम्र के हैं। यह बच्चों में टाइप 2 डायबिटीज में वृद्धि के प्रमुख कारणों में से एक है। 2013 में एम्स में किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि मोटे भारतीय किशोरों में ग्लूकोज चयापचय में असामान्यताएं अनुमानतः 6 प्रतिशत हैं। सप्ताह में दो या अधिक बार प्रोसेस्ड और तैलीय भोजन खाने से डायबिटीज टाइप 2 विकसित होने का खतरा 27 प्रतिशत तक बढ़ जाता है।

जीवन एक बार मिलता है!

बर्गर, पिज्जा और शीतल पेय जैसे अति-प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों पर बहुत अधिक निर्भर होना कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों और कार्डियोवैस्कुलर मृत्यु दर के जोखिम को बढ़ाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि अधिकांश प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों में स्टार्च, वसा, तेल, शर्करा, मिठास, आदि होते हैं, जो इसे स्वादिष्ट और आकर्षक तो बनाते हैं लेकिन स्वस्थ या पौष्टिक नहीं होते। आम तौर पर, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों की सामग्री को कई भौतिक और रासायनिक प्रक्रियाओं के माध्यम से तैयार किया जाता है और फिर प्रसंस्करण के माध्यम से उत्पाद बनाया जाता है, जिससे इसमें पोषक तत्वों की अत्यधिक हानि हो जाती है और वे चीजें बढ़ जाती हैं जो लंबे समय में बीमारियों का कारण बनती हैं।

आपका शरीर आपका अनुकरण करता है!

हमारा शरीर अपने अनुकूलन गुणों के लिए जाना जाता है। यह सोने, दैनिक दिनचर्या और खाने पीने के पैटर्न को पहचानता है और उन्हें अपनाता है। जब हम अपना खाना छोड़ते हैं तो पैटर्न टूट जाता है और शरीर में इससे खनिज और विटामिनों की कमी हो जाती है। हमारे शरीर में विटामिनो और खनिजों की कमी के लक्षणों को दिखने में बहुत अधिक समय लगता है इसलिए, दैनिक आधार पर हमारे आवश्यक विटामिनों का ट्रैक रखना एक आवश्यकता बन गया है। घर का बना भोजन और फल विटामिन और पोषक तत्वों की हमारी दैनिक आवश्यकता को पूरा करने में मदद करते हैं, लेकिन कभी-कभी अपने भोजन में अतिरिक्त पोषण को शामिल करना भी बेहतर है।

अपने विटामिनो को पूरी तरह से जानें

खनिज और विटामिन जैसे पोषक तत्वों की कमी वाले आहार लेने से कई तरह के अप्रिय लक्षण हो सकते हैं जैसे नींद की कमी, हार्मोनल असंतुलन, बालों का झड़ना, और ऊर्जा की कमी इत्यादि। इन लक्षणों के माध्यम से आपका शरीर आपको बताता है कि आपमें विटामिन्स और खनिज पदार्थों की कमी है और आपको अधिक पोषक आहार लेने की आवश्यकता है। । इसलिए हमें हमेशा स्वस्थ और पौष्टिक भोजन करने की सलाह दी जाती है।

सारतः, पूरक पदार्थों को अपने आहार में शामिल करें

यद्यपि एक स्वस्थ आहार का कोई विकल्प नही है, फिर भी, कुछ हद तक, पूरक यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि हमें पर्याप्त प्रोटीन, एंटीऑक्सीडेंट, आवश्यक पोषक तत्व, आवश्यक विटामिन और खनिज मिल रहे हैं। कभी-कभी हमें यह गलतफहमी हो जाती है कि केवल प्राकृतिक भोजन ही स्वस्थ होता है, और हम स्वस्थ भोजन में विश्वास के साथ उसका सेवन करते रहते हैं। संपूर्ण खाद्य पदार्थ और प्राकृतिक स्रोत विटामिन और पोषण के सबसे अच्छे स्रोत हैं, लेकिन पूरक आहार की खुराक आपकी नियमित या चिकित्सा आवश्यकता के अनुसार उच्च पोषण की आवश्यकताओं को त्वरित रूप से पूरा कर सकती है।

एक स्वस्थ संतुलित आहार आपको दैनिक आधार पर आवश्यक विटामिन और खनिज प्रदान कर सकता है, जिससे आपको दैनिक कार्यों के लिए ऊर्जा मिलती है। अपने स्वस्थ आहार की खुराक में पूरक आहारों को शामिल करना यह सुनिश्चित करता है कि आपके शरीर में सभी पोषक तत्त्व उचित मात्रा में मौजूद हैं। इसके अलावा, पूरक आहार प्रतिरक्षा और शक्ति को बढ़ावा देने, पुरानी बीमारी के जोखिम को कम करने और लम्बे समय में आपके स्वास्थ्य के देखभाल में होने वाले खर्च को भी कम कर सकते हैं।

Next Story