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प्रधानमंत्री मोदी के बगल में क्यों बैठना चाहते थे राष्ट्रपति? विदेश मंत्री ने किया खुलासा

jantaserishta.com
30 Aug 2023 2:47 AM GMT
प्रधानमंत्री मोदी के बगल में क्यों बैठना चाहते थे राष्ट्रपति? विदेश मंत्री ने किया खुलासा
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लंबी U आकार की टेबल थी, जहां 100-150 लोग बैठे हुए थे।
नई दिल्ली: ISRO के मून मिशन के तहत चंद्रयान 3 की लैंडिंग ने भारत ही नहीं पूरी दुनिया में उत्साह पैदा कर दिया था। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हाल ही में संपन्न हुए BRICS शिखर सम्मेलन में बने माहौल पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि लैंडिंग के बाद ही दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बगल में बैठने का ऐलान कर दिया था। इतना ही नहीं सम्मेलन में मौजूद अन्य देशों के प्रतिनिधि भी पीएम मोदी को शुभकामनाएं देने के लिए जुट गए थे।
एक कार्यक्रम के दौरान जयशंकर ने बताया कि लैंडिंग के बाद जोहन्सबर्ग में कई BRICS नेताओं की तरफ से प्रतिक्रिया आई थी। उन्होंने कहा, 'जब हम वहां पहुंचे, तो चंद्रयान को लेकर कुछ बातें हो रही थीं। अगले दिन (लैंडिंग यानी 23 अगस्त) को हम सुबह के सत्र में शामिल हुए और पीएम मोदी ISRO के साथ जुड़ने के लिए चले गए... दूसरे दिन तक BRICS में भी बातचीत पूरी तरह चंद्रयान पर आ गई थी...।'
विक्रम की लैंडिंग के बाद पीएम ने ब्रिक्स नेताओं की इसके बारे में कुछ जानकारी दी। साथ ही उन्होंने बधाई के लिए राष्ट्रपति रामफोसा का भी धन्यवाद किया। उन्होंने कहा, 'यह हमारे लिए गर्व की बात है कि इस सफलता को एक सिर्फ देश की सफलता के तौर पर न मानते हुए मानवता की सफलता के तौर पर स्वीकार किया गया।'
जयशंकर बताते हैं कि ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान चंद्रयान को लेकर काफी उत्साह था। उन्होंने कहा, 'मुझे याद है कि एक लंबी U आकार की टेबल थी, जहां 100-150 लोग बैठे हुए थे। लोग अचानक उठे और पीएम को बधाई स्वीकार करने के लिए पूरी टेबल के लोगों के पास जाना पड़ा। एहसास होने लगा था कि यह केवल भारत की उपलब्धि नहीं है।'
विदेश मंत्री ने कहा, 'मैं कमरे में ही था (विक्रम लैंडिंग के समय ब्रिक्स सम्मेलन में)... जहां कोने में एक बड़ी स्क्रीन लगी हुई थी। बगैर ध्यान भटकाए बात करना मुश्किल हो रहा था।' उन्होंने बताया, 'एक मौके पर राष्ट्रपति रामफोसा ने स्क्रीन की तरफ इशारा करते हुए कहा कि विदेश मंत्री आप ऐसे देख रहे हैं, जैसे चंद्रयान वहीं पर है।'
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