नेता चुनाव ही लड़ते रहेंगे तो प्रशासन कौन चलाएगा, सरकारों और राजनीतिक पार्टियों पर सवाल
देशभर में कोरोना वायरस का संक्रमण काफी तेजी से फ़ैल रहा है। देश में पहली बार सिर्फ 24 घंटे के अंदर 2.5 लाख से ज्यादा मामले सामने आए। ख़राब स्वास्थ्य व्यवस्था की वजह से कई लोग तड़प तड़प कर मर रहे हैं। इसी मुद्दे पर टीवी डिबेट के दौरान पैनलिस्ट ने सभी सरकारों और राजनीतिक पार्टियों पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि अगर नेता सिर्फ चुनाव ही लड़ते रहेंगे या उसके लिए तैयारी ही करते रहेंगे तो प्रशासन कौन चलाएगा।
वरिष्ठ पत्रकार शशि शेखर ने कहा कि जब देश में सिर्फ 500-600 के करीब ही मामले थे तो कई कड़े कदम उठाए गए थे। सितंबर के आसपास जब कोरोना के मामले कम होने लगे तो हम सब लोगों ने मान लिया कि हमने अच्छे कदम उठाए थे। इसलिए ऐसा हुआ। सब ये जानते थे कि कोरोना की दूसरी लहर जरूर आएगी। लेकिन किसी भी सरकारों ने दूसरी लहर के बारे में नहीं सोचा।
आगे वरिष्ठ शशि शेखर ने कहा कि सबको यह पता था कि किसी भी महामारी की दूसरी लहर ज्यादा खतरनाक होती है। इसके बावजूद किसी ने कुछ भी कोशिश नहीं की। कोई आर्थिक प्रगति के नाम पर अपनी पीठ थपथपा रहा था। कोई दवाओं का निर्यात कर रहा था। कोई पर्यटन को बढ़ावा देने की बात कर रहा था। कोई सिर्फ चुनाव की तैयारी कर रहा था। इसकी वजह से यह नौबत आ गई कि आज घर-घर में चिताएं जल रही है।
इसके अलावा शशि शेखर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कुंभ को बंद कराकर अच्छा काम किया। ऐसे काम चुनाव आयोग भी कर सकता है। चुनाव आयोग भी जल्दी चुनाव कराकर और रिजल्ट घोषित कर खतरे को टाल सकता है। साथ ही शशि शेखर ने कहा कि अगर हमारे नेता सिर्फ चुनाव ही लड़ते रहेंगे या आगे के चुनाव की तैयारियां ही करते रहेंगे तो प्रशासन कौन चलाएगा। यह सिर्फ किसी राजनीतिक पार्टी के लिए जीत हार का सवाल नहीं है बल्कि यह उन लोगों के जीत हार का सवाल है जिनके लिए चुनाव होते हैं।
बता दें कि पिछले 24 घंटे में ही देश में कोरोना के 2 लाख 61 हजार 500 नए मामले सामने आए हैं। इसी के साथ कुल पॉजिटिव केसों की संख्या 1.47 करोड़ के पार पहुंच गई है। वहीं, 1501 नई मौतों के साथ कुल मौतें 1 लाख 77 हजार 150 हो गई है।