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पंजाब में आखिर कौन होगा कांग्रेस का सीएम फेस? सिद्धू-चन्नी के बीच कैसे कांग्रेस बनाएगी संतुलन!

jantaserishta.com
28 Jan 2022 7:59 AM GMT
पंजाब में आखिर कौन होगा कांग्रेस का सीएम फेस? सिद्धू-चन्नी के बीच कैसे कांग्रेस बनाएगी संतुलन!
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नई दिल्ली: पंजाब में विधानसभा चुनाव के प्रचार के अभियान को धार देने पहुंचे कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी राज्य में सीएम पद के चेहरे पर जूझते नजर आए. जालंधर वर्चुअल रैली के दौरान राहुल गांधी ने साफ तौर पर कहा कि कांग्रेस पंजाब विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री के चेहरे के साथ उतरेगी और पार्टी कार्यकर्ताओं से परामर्श करने के बाद जल्द ही इस पर फैसला लिया जाएगा. राहुल का यह बयान पंजाब कांग्रेस में कहीं और भी सियासी घमासान न बढ़ा दे, क्योंकि पार्टी में सीएम चेहरा बनने के लिए कई नेता जद्दोजहद कर रहे हैं.

पंजाब कांग्रेस के प्रदेश नवजोत सिंह सिद्धू और मुख्यमंत्री चरनजीत सिंह चन्नी सहित तमाम कांग्रेसी बार-बार मौका मिलते ही राहुल गांधी से मुख्यमंत्री पद के चेहरे की घोषणा करने की मांग करते रहे. जालंधर में राहुल गांधी के सामने मंच पर भी सिद्धू और चन्नी ने मुख्यमंत्री पद के चेहरे की घोषणा की मांग उठाई. ऐसे में राहुल गांधी ने तुरंत फैसला लेने के बजाय पार्टी कार्यकर्ताओं के पाले में गेंद डाल दी है और कहा कि जल्द ही चेहरा घोषित करेंगे.
मुख्यमंत्री चेहरे के सवाल पर राहुल गांधी ने कहा जब मैं आ रहा था तब गाड़ी में नवजोत सिंह सिद्धू और चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि सबसे बड़ा सवाल है कि पंजाब में कांग्रेस का नेतृत्व कौन करेगा? राहुल ने कहा कि दोनों ने कहा कि जो भी नेतृत्व करेगा उसे दूसरा व्यक्ति अपनी पूरी ताकत से मदद करेगा. उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता चाहता है और पंजाब चाहता है तो हम मुख्यमंत्री का फैसला उसी के अनुसार लेंगे, हम अपने कार्यकर्ताओं से पूछ कर इसपर फैसला लेंगे. जल्द ही सीएम चेहरा घोषित करेंगे.
पंजाब में मुख्यमंत्री पद का चेहरा किसे बनाया जाए, इसको लेकर राहुल गांधी ने वर्चुअल रैली से पहले कांग्रेस उम्मीदवारों के साथ बैठक में भी उनसे फीडबैक लिया था. बैठक में ज्यादातर कांग्रेसी उम्मीदवारों ने इस बात पर अपनी सहमति जताई कि मुख्यमंत्री के चेहरे का एलान जल्द हो जाना चाहिए. यही वजह थी कि राहुल गांधी ने सीएम चेहरे पर जल्द घोषणा करने की बात कही है, लेकिन कांग्रेस के लिए यह आसान नहीं है.
दरअसल, पंजाब में अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटाने और चरणजीत सिंह चन्नी के सत्ता संभालने के बाद भी पार्टी में मतभेद कायम है. चरणजीत सिंह चन्नी और नवजोत सिंह सिद्दू के बीच कांग्रेस के सीएम का चेहरा बनने के लिए जद्दोजहद जारी है. कांग्रेस के चुनावी अभियान को नुकसान होने के कगार पर पहुंचा दिया है. सिद्धू एक कार्यक्रम में साफ कह चुके हैं कि वह मुख्यमंत्री बनने के सवाल पर शोपीस बनकर नहीं रहेंगे. राहुल के सामने भी उन्होंने मंच पर सीएम चेहरे पर तस्वीर साफ करने की बात कही.
राहुल गांधी से पहले नवजोत सिद्धू ने भी अपने स्टाइल में मुख्यमंत्री चेहरे की बात को दोहराया. उन्होंने कहा कि लोगों के मन में यह सवाल है कि उन्हें (पंजाब में) इस संकट से कौन बचाएगा. पंजाब के लिए क्या रोडमैप है. लोग पूछ रहे हैं कि सत्ता में आने पर इन सुधारों को लागू करने वाला चेहरा कौन है. सिद्धू ने आगे कहा, 'एक अनुशासित सैनिक की तरह मैं राहुल गांधी को विश्वास दिलाता हूं कि मैं उनके फैसले का पालन करूंगा.
वहीं, सिद्ध के बाद सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने भी कहा कि पंजाब में कांग्रेस के लिए जरूरी है कि मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित हो. चन्नी ने जोश में आकर सिद्धू, भारत भूषण आशु सहित कई कांग्रेसी नेताओं को आवाज देकर अपने पास बुलाया और कहा कि इससे बड़ा सबूत और क्या दूं कि हम साथ-साथ हैं. इस तरह उन्होंने राहुल के लिए एक चुनौती पेश कर दी कि अभी सभी चेहरे उनके सामने हैं, जिसको भी मुख्यमंत्री का चेहरा बनाना है, घोषणा कर दें, सब पार्टी के साथ रहेंगे.
चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू मेरे बड़े भाई हैं. उन्होंने आगे कहा राहुल गांधी जी आपसे विनती है, जो सही लगे उसे चेहरा घोषित कीजिए. मुझे किसी पद की चाहत नहीं है. उन्होंने कहा कि अब दूसरी पार्टी वाले पूछते हैं कि कांग्रेस का चेहरा कौन है? किसी को भी चेहरा बनाओ. मैं उसी के लिए कैंपेन करूंगा. मुझे जो मिला, उससे ज्यादा क्या मांग सकता हूं?'
सिद्धू और चन्नी भले ही अभी कह रहे हो कि राहुल गांधी के फैसले को स्वीकार करेंगे. लेकिन, सिद्धू के पंजाब सीएम बनने की राजनीतिक महत्वाकांक्षा जगजाहिर है. इसी मकसद से लिए उन्होंने बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में आए और कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ भी बगावत का झंडा इसीलिए उठाया था. इतना ही नहीं चन्नी के सीएम बनने के बाद से भी सिद्धू को खुद को सीएम चेहरे के तौर पर प्रोजेक्ट करते रहे हैं. ऐसे में कैसे नवजोत सिंह सिद्धू अपने सिवा किसी दूसरे चेहेरे को सीएम के तौर पर स्वीकार करेंगे.
वहीं, राहुल गांधी पंजाब में सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के जरिए देश भर में दलित एजेंडा सेट करना चाहते हैं. इसी प्लान के तहत उन्होंने चन्नी को सीएम बनाया और अब अगर चन्नी के बजाय किसी दूसरे नेताओं को सीएम चेहरा घोषित करते हैं तो निश्चित तौर पर बड़ा झटका होगा. माना जा रहा था कि कांग्रेस सामूहिक नेतृत्व में चुनावी मैदान में उतरेगी, लेकिन राहुल के बयान के बाद साफ है कि सीएम के चेहरे को आगे कर पार्टी चुनाव में उतरेगी. ऐसे में कांग्रेस के लिए सिद्धू और चन्नी में से किसी एक को घोषित करने पर सियासी घमासान छिड़ सकता है. ऐसे में देखना है कि राहुल इस पर कैसे संतुलन बनाते हैं?
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