भारत

Covid-19 के डोज को प्राथमिकता के आधार पर भारत में किसे पहले मिलन चाहिए, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने दी जानकारी.

Nilmani Pal
12 Oct 2020 9:45 AM GMT
Covid-19 के डोज को प्राथमिकता के आधार पर भारत में किसे पहले मिलन चाहिए, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने दी जानकारी.
x
भारत में कोविड-19 वैक्सीन की उम्मीद के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने प्राथमिकता के संकेत दिए हैं
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भारत में कोविड-19 वैक्सीन की उम्मीद के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने प्राथमिकता के संकेत दिए हैं. रविवार को डॉक्टर हर्षवर्धन ने बताया कि वैक्सीन का डोज पहले स्वास्थ्य सेवा से जुड़े हुए लोगों को दिया जाएगा. उन्होंने ये भी बताया कि बहुप्रतीक्षित फेलुदा पेपर स्ट्रिप टेस्ट अगले कुछ हफ्तों में सामने आ सकता है.


कोविड-19 वैक्सीन किसको मिलेगा पहले?

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने आनेवाले त्योहारों के मद्देनजर लोगों को सावधान किया. त्योहारों के मौकों पर होनेवाले जमावड़े से बचने की नसीहत देते हुए उन्होंने कहा, "कोई भी धर्म या भगवान नहीं कहता कि आपको दिखावटी होना चाहिए. अपने विश्वास या धर्म को साबित करने के लिए भीड़भाड़ लगाने की जरूरत नहीं है. अगर हम ऐसा करते हैं तो हम बड़ी मुसीबत में फंस सकते हैं."

अपने साप्ताहिक सोशल मीडिया संवाद कार्यक्रम में एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने बताया कि प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीनेशन के दौरान दो बातों का विशेष ख्याल रखा जाएगा. पहला, पेशेवराना खतरा और संक्रमण के संपर्क में आने का खतरा, दूसरा, गंभीर रूप से बीमार पड़ने का खतरा और मृत्यु दर में वृद्धि. उन्होंने स्पष्ट किया कि शुरू में कोविड-19 वैक्सीन की आपूर्ति सीमित मात्रा में होगी.


फेलुदा पेपर स्ट्रिप टेस्ट की भी दी जानकारी

सोशल मीडिया पर फैली अफवाहों का खंडन करते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि वैक्सीन के मुहैया होने अभी आधिकारिक ऐलान नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि भारत में कोविड-19 वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल को देखा जा रहा है. आपातकालीन इस्तेमाल में वैक्सीन की मान्यता के लिए पर्याप्त सुरक्षा और प्रभाव का डेटा होना चाहिए." फेलुदा टेस्ट किट की उन्होंने निर्धारित तिथि बताने से इंकार कर दिया. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, "हमें उम्मीद करनी चाहिए फेलुदा टेस्ट किट आनेवाले कुछ हफ्तों में मिल जाए."

फेलुदा पेपर स्ट्रिप टेस्ट में जीन एडिटिंग तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. जिससे वायरस का 30 मिनट के अंदर पता लगाया जा सकेगा. फेलुदा टेस्ट किट को CSIR के वैज्ञानिकों ने विकसित किया है. माना जा रहा है कि ये सबसे किफायती तकनीक है. फेलुदा टेस्ट के नतीजे मानव परीक्षण के दौरान 96 फीसद संवेदनशील साबित हुए हैं. इससे RT-PCT टेस्ट की तरह नतीजे सटीक आते हैं.


स्वास्थ्य मंत्री ने जमावड़े से बचने की दी सलाह

शरीर में कोरोना वायरस जांच के लिए RT-PCT टेस्ट को ज्यादा प्रमाणिक पाया गया है. फेलुदा टेस्ट किट प्रीग्नेंसी स्ट्रिप टेस्ट की तरह होते हैं. वायरस की पहचान होने पर उसका रंग बदल जाएगा. लोगों को घर पर त्योहार मनाने की सलाह देते हुए उन्होंने कहा, "हमारा उद्देश्य वायरस को खत्म कर मानवता को बचाने का है. यही हमारा धर्म है."

Next Story