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पालघर मॉब लिंचिंग मामले की जांच CBI करेगी या नहीं, आज सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई
Deepa Sahu
24 Feb 2021 1:58 AM GMT
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पालघर मॉब लिंचिंग मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जांच की मांग करने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट बुधवार को सुनवाई करेगा।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क : पालघर मॉब लिंचिंग मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जांच की मांग करने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट बुधवार को सुनवाई करेगा।गौरतलब है कि महाराष्ट्र के पालघर जिले में हुई मॉब लिंचिंग मामले की सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थी।
Supreme Court will hear today the pleas seeking a Central Bureau of Investigation (CBI) probe in Palghar mob-lynching incident. pic.twitter.com/BXxt0ojuug
— ANI (@ANI) February 24, 2021
बता दें कि पालघर मॉब लिंचिंग मामले में महाराष्ट्र सरकार ने पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि हमने विभागीय जांच के बाद 18 पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की। इसके साथ ही महाराष्ट्र सरकार ने मामले की जांच सीबीआई से नहीं कराने की बात कही थी। सरकार ने कहा था कि इस मामले की सीबीआई जांच की जरूरत नहीं है।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों महाराष्ट्र पुलिस से पूछा था कि उन्होंने दोषी पुलिसकर्मियों पर क्या कार्रवाई की। साथ ही सीबीआई जांच पर भी सवाल-जवाब किया था। गौरतलब है कि सुशांत सिंह राजपूत की मौत की जांच की जिम्मेदारी सीबीआई को सौंपने के बाद संतों ने पालघर मॉब लिंचिंग मामले की जांच सीबीआई से कराए जाने की मांग की है।अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (एबीएपी) ने मांग की थी कि 16 अप्रैल 2020 को महाराष्ट्र के पालघर में दो साधुओं के साथ हुई भीड़ हिंसा की जांच भी सीबीआई से कराई जाए। परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि ने कहा था कि सीबीआई जांच के लिए अगर जरूरत पड़ी तो अखाड़ा परिषद द्वारा कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया जाएगा।
क्या है पूरा मामला
16 अप्रैल 2020 की रात 10 बजे के करीब सुशीलगिरी महाराज (35) और कल्पवृक्ष गिरी महाराज (70) और नीलेश तेलगड़े (30) नामक ड्राइवर के साथ देशव्यापी कोरोना लॉकडाउन के बीच एक कार में सवार होकर मुंबई के कांदिवली से गुजरात के सूरत में एक अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए जा रहे थे। इस बीच गडचिनचाइल गांव में भीड़ ने पुलिस टीम की मौजूदगी में उन पर हमला किया और बेहद ही बर्बरता के साथ उनकी हत्या कर दी थी।
साधुओं ने की थी सीबीआई जांच की मांग
महाराष्ट्र सरकार की जांच पर संदेह जताते हुए साधुओं के रिश्तेदार और जूना अखाड़ा के साधुओं ने सीबीआई और एनआईए जांच की गुहार लगाई थी। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार, डीजीपी, सीबीआई और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था।
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