स्कूल में गुड टच बैड टच के बारे बताया तो पता चला सौतेला बाप करता था बेटी के साथ दुष्कर्म
सिटी क्राइम न्यूज़: हैदराबाद में एक नाबालिग के साथ उसके सौतेले पिता द्वारा रेप का मामला सामने आया है. स्कूल में गुड टच-बैड टच की क्लास के दौरान नाबालिग को समझ में आया कि उसके साथ कुछ गलत हुआ है. उसने इस बारे में अपनी टीचर को बताया. उसके बाद पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई गई. हैदराबाद की स्थानीय अदालत ने POCSO एक्ट और IPC की रेप से जुड़ी धाराओं में सौतेले पिता को दोषी पाया. और उसे 20 साल की सज़ा सुनाई है. पीड़िता के चाचा को इस मामले में तीन साल की सज़ा सुनाई गई है. तेलंगाना टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, नाबालिग के पिता की मौत हो गई थी. पिता की मौत के बाद उसकी मां ने दूसरी शादी कर ली. शादी के नाबालिग अपने सौतेले पिता के परिवार के साथ रहने लगी. इसके बाद सौतेला पिता नाबालिग का रेप करने लगा. सौतेले पिता के भाई ने भी नाबालिग का यौन शोषण किया था. हालांकि नाबालिग को इस बारे में जानकारी नहीं थी कि उसके साथ क्या हो रहा है. घटना के वक्त नाबालिग 13 साल की थी.
2017 में ही एक दिन नाबालिग स्कूल गई. स्कूल में बच्चों को गुड टच और बैड टच के बारे में बताया गया. इसके बाद उसे समझ में आया कि उसके साथ कुछ गलत हो रहा है. उसने अपनी टीचर को सारी बात बताई. इसके बाद टीचर ने पुलिस को घटना की जानकारी दी. पुलिस ने POCSO और IPC की संबंधित धाराओं में सौतेले पिता और चाचा को गिरफ्तार किया था. अब कोर्ट ने सौतेले पिता को 20 साल और चाचा को तीन साल की सज़ा सुनाई है. इसके साथ ही दोनों पर पांच-पांच हज़ार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.
नाबालिगों को यौन अपराधों से बचाने के लिए POCSO एक्ट यानी प्रिवेंशन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्शुअल ऑफेंस एक्ट भारत में लागू है. ये एक्ट 18 साल से कम उम्र के लड़के या लड़की के साथ होने वाले यौन अपराध को परभाषित करता है, साथ ही इसमें सज़ा के लिए भी अलग-अलग प्रावधान हैं. वहीं, नाबालिग बच्चों को यौन शोषण से बचाने के लिए गुड टच और बैड टच का अंतर कई स्कूलों में बताया जाता है. अगर कोई आपकी छाती को, कूल्हों को, जांघों के बीच के हिस्से को छूता है या अपने शरीर के किसी हिस्से को छूने के लिए मजबूर करता है तो वो बैड टच में आता है.