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नई दिल्ली: लोकसभा में बुधवार को सवाल और जवाब की भाषा को लेकर तीखी नोकझोंक देखने को मिली। प्रश्नकाल के दौरान द्रमुक सांसद ए गणेशमूर्ति ने एफडीआई सो संबंधित एक पूरक सवाल तमिल में पूछा। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने इसका जवाब हिंदी में दिया।
डीएमके सांसद को यह पसंद नहीं आया। उन्होंने कहा, "अगर मैं अंग्रेजी में प्रश्न पूछता हूं तो मंत्रियों को केवल अंग्रेजी में जवाब देना चाहिए। एक सदस्य तमिल में प्रश्न पूछता है और मंत्री हिंदी में जवाब देते हैं।" इसपर मंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि वह हिंदी में जवाब दे सकते हैं जबकि सदस्य के लिए अनुवाद उपलब्ध है।
इस दौरान कुछ अन्य विपक्षी सांसद भी सदन में हंगामा कर रहे थे। उन्होंने अंग्रेजी में पूछे गए सवालों के जे जवाब मंत्रियों द्वारा हिंदी में दिए जाने का मुद्दा उठाने की मांग की थी। हाल के दिनों में सदन में ऐसे कई उदाहरण सामने आए हैं जब विपक्षी सदस्यों, विशेषकर दक्षिणी राज्यों के सांसदों ने इस तरह की प्रवृत्ति का विरोध किया है।
इस मामले पर अध्यक्ष ओम बिरला ने सांसद गणेशमूर्ति से प्रश्न दोहराने के लिए कहा और सदस्य ने वही सवाल तमिल में पूछा। इससे नाराज गोयल ने इस पर निर्णय लेने के लिए कहा। उन्होंने पूछा क्या कोई नियम है कि किसी भाषा में पूछे गए प्रश्न का उत्तर उसी भाषा में दिया जाना चाहिए।
मंत्री ने कहा, "मैं हिंदी में जवाब दूंगा... मैंने अनुवाद (तमिल में पूछे गए सवाल का) भी सुना।"
जैसे ही सांसद गणेशमूर्ति ने फिर से इस मुद्दे को उठाया बिड़ला मुस्कुराए और सांसद से हेडफ़ोन लगाने के लिए कहा। बिड़ला आम तौर पर सदन में हिंदी बोलते हैं। उन्होंने अंग्रेजी में बोलते हुए कहते हैं, "कृपया सदस्य सभापति को संबोधित करें... कोई बात नहीं"।
अबब दूसरे पूरक प्रश्न पूछने की बारी सांसद की थी, तो उन्होंने कहा कि वह केवल तमिल में पूछेंगे और प्रश्न उठाया। गोयल ने हिंदी में उसका जवाब दिया।
आपको बता दें कि पिछले हफ्ते केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और कांग्रेस नेता शशि थरूर के बीच भी इसी को लेकर नोकझोंक हुई थी। अंग्रेजी में पूछे गए सवालों का मंत्री ने हिंदी में जवाब दिया था। थरूर ने इसे अपमान करार दिया था।
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