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जब सुप्रीम कोर्ट ने वकील को फटकार लगाई, कहा- आप भविष्य में अग्निवीर नहीं बनने जा रहे...जानें पूरी बात
jantaserishta.com
19 July 2022 6:51 AM GMT
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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को अग्निपथ योजना (Agneepath scheme) के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई की. कोर्ट ने अग्निपथ योजना के खिलाफ दाखिल सभी याचिकाओं को दिल्ली हाईकोर्ट ट्रांसफर कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट से कहा कि अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर जल्द सुनवाई की जाए और इनका निपटारा किया जाए. हालांकि, इस दौरान ऐसी भी स्थिति आई, जब सुप्रीम कोर्ट ने वकील की टोका टोकी पर फटकार लगाई.
दरअसल, अग्निपथ योजना के खिलाफ याचिकाओं पर कोर्ट जब आदेश लिखवा रहा था, तब याचिकाकर्ता मनोहर लाल शर्मा टोका टाकी कर रहे थे. इस दौरान जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने मनोहर लाल शर्मा फटकार लगाई. उन्होंने कहा, आप भले वीर होंगे लेकिन अग्निवीर तो कतई नहीं हैं. आप भविष्य में अग्निवीर नहीं बनने जा रहे. इसलिए बेवजह टोका टाकी ना करें. सब्र रखिए.
केंद्र सरकार ने हाल ही में तीनों सेनाओं में भर्ती के लिए अग्निपथ योजना का ऐलान किया था. इस योजना में 4 साल नौकरी का प्रावधान है. इसके बाद 75% जवान रिटायर हो जाएंगे. जबकि 25% जवानों को आगे भी मौका दिया जाएगा. सरकार का कहना है कि रिटायर होने वाले जवानों को दूसरी जगह नौकरी में भी सरकार मदद करेगी. इस योजना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में तीन याचिकाएं लगाई गई थीं.
इन याचिकाओं में अग्निपथ योजना पर रोक, उसकी समीक्षा, उसे रद्द करने जैसी मांगें रखी गई हैं. याचिकाकर्ताओं ने यह भी कहा है जो लोग पहले से सेना की नौकरी पाने की प्रक्रिया में हैं, उनके ऊपर यह योजना लागू नहीं की जानी चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अग्निपथ योजना के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई की. इस दौरान जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट के पास लंबित तीनों याचिकाओं को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई के लिए ट्रांसफर कर दिया. अब दिल्ली हाईकोर्ट ही अग्निपथ योजना से संबंधित अन्य हाईकोर्ट में दाखिल याचिकाओ पर सुनवाई करेगा.
सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, अग्निपथ योजना के खिलाफ अलग अलग हाईकोर्ट में 6 याचिकाएं दायर हुई हैं. बेहतर होगा की सभी याचिकाओं की सुनवाई किसी एक जगह हो. इस पर जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि आप एक ट्रांसफर पिटीशन दायर कीजिए, हम हाईकोर्ट को सभी याचिकाएं सुनवाई करने को भेज देंगे.
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