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When the Supreme Court raged on the petitioner
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाते हुए कहा कि ऐसी मांग मत कीजिए जिसे पूरा ना किया जा सके jantaserishta hindinews
नई दिल्ली: रामनवमी और हनुमान जयंती के मौके पर देश के कई राज्यों में हुई हिंसा की घटनाओं और बुलडोजर के जरिए किए जाने वाले 'न्याय' के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए याचिका को खारिज कर दिया.
इतना ही नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाते हुए कहा कि ऐसी मांग मत कीजिए जिसे पूरा ना किया जा सके.
दरअसल, रामनवमी और हनुमान जयंती पर दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात में सांप्रदायिक हिंसा के मामले सामने आए थे. हिंसक घटनाओं के बाद स्थानीय पुलिस प्रशासन ने जिम्मेदार लोगों के खिलाफ न सिर्फ केस दर्ज किए बुल्कि उनकी संपत्तियों पर बुलडोजर भी चलाए.
कार्रवाई के तौर पर बुलडोजर से घर ढहाए जाने के खिलाफ ही एडवोकेट विशाल तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.
सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता ने सुनवाई के दौरान कहा कि अभी एकतरफा जांच चल रही है, इसलिए न्यायिक जांच होनी चाहिए. ऐसे हालात से देश की एकता और अखंडता को भी खतरा है.
याचिकाकर्ता की इस दलील पर जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस गवई की बेंच ने पूछा कि क्या आप चाहते हैं कि पूर्व चीफ जस्टिस की अध्यक्षता में ज्यूडिशियल कमीशन बनाया जाए? आप क्या समझते हैं कि जज खाली हैं?
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के खरगौन में रामनवमी के अवसर पर हिंसा हुई थी. वहीं गुजरात में भी इसी तरह की सांप्रदायिक हिंसा की खबर सामने आई थी. वहीं हनुमान जयंती के मौके पर दिल्ली के जहांगीरपुरी में हिंसा हुई थी.
जहांगीरपुरी और देश के अन्य राज्यों की घटनाओं को लेकर मामला पहले से ही सुप्रीम कोर्ट में है. सुप्रीम कोर्ट ने जहांगीरपुरी में अतिक्रमण हटाने पर रोक लगा रखी है.
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