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जब हाईकोर्ट हुआ हैरान, जानें पूरी वजह

jantaserishta.com
13 July 2022 10:03 AM GMT
जब हाईकोर्ट हुआ हैरान, जानें पूरी वजह
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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

नई दिल्ली: पीएम केयर्स फंड को लेकर दायर की गई याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने इस मसले पर केंद्र के 1 पेज का जवाब दाखिल करने पर आपत्ति जताई. कोर्ट ने कहा कि इतने जरूरी मुद्दे पर आप 1 पेज का जवाब कैसे दाखिल कर सकते हैं? अदालत ने केंद्र को 4 सप्ताह के अंदर विस्तृत जवाब देने के लिए कहा है.

मामले पर मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने सुनवाई की. पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा, 'आपने जवाब दाखिल कर दिया है. इतने महत्वपूर्ण मुद्दे पर एक पेज का जवाब? इससे आगे कुछ नहीं? वरिष्ठ अधिवक्ता (याचिकाकर्ता) जो तर्क दे रहे हैं, उसके बारे में कुछ भी नहीं है. आपको जवाब दाखिल करना होगा. ये मामला इतना आसान नहीं है, हम एक व्यापक जवाब चाहते हैं.
याचिकाकर्ता सम्यक गंगवाल ने 2021 में वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान के जरिए याचिका दाखिल की थी. उन्होंने अनुच्छेद 12 के तहत पीएम केयर्स फंड को सरकारी फंड घोषित करने और समय-समय पर पीएम केयर्स वेबसाइट पर ऑडिट रिपोर्ट का खुलासा करने की मांग की है. इस पर मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई हुई.
पीएम केयर्स फंड से जुड़े मुद्दे की अहमियत समझते हुए कोर्ट ने इस मसले पर विस्तृत जवाब देने की मांग की है. केंद्र की तरफ से पेश हुए वकील ने हाई कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता की इसी तरह की याचिका में पहले ही विस्तृत जवाब दाखिल किया जा चुका है. केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल (एसजी) तुषार मेहता ने कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा उठाए गए ये सभी तर्क निर्णय के लिए प्रासंगिक हैं.
दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि मामला निश्चित रूप से शीर्ष अदालत तक जाएगा और हमें निर्णय लेना होगा. निर्णय देना भी होगा. उठाए गए सभी मुद्दों से निपटना होगा, इसलिए इस मुद्दे पर विस्तृत जवाब दिया जाए. पीठ ने कहा कि चार सप्ताह में विस्तृत जवाब दाखिल किया जाए. अगर इसके बाद कोई इसके बाद कोई प्रत्युत्तर हो तो उसे भी दो सप्ताह में दाखिल किया जाए.
हाईकोर्ट ने इससे पहले याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया था. इसी याचिकाकर्ता द्वारा 2020 में दायर एक अन्य याचिका में सूचना के अधिकार (RTI) अधिनियम के तहत PM CARES को सार्वजनिक करने की मांग की गई थी, जो अदालत में लंबित है. 2021 की याचिका में, उन्होंने पीएम केयर्स वेबसाइट पर हर तिमाही में जमा की गई रकम का खुलासा करने और दान दाताओं के विवरण का खुलासा करने की मांग की थी.
पीएमओ की तरफ से दाखिल किए गए जवाब में कहा गया था कि पीएम केयर्स ट्रस्ट पारदर्शिता के साथ काम करता है और इसके फंड का ऑडिट किया जाता है. तब तर्क दिया गया था कि संविधान और आरटीआई अधिनियम के तहत पीएम केयर्स फंड की स्थिति के बावजूद, तीसरे पक्ष की जानकारी का खुलासा करने की अनुमति नहीं है.
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