जब कलेक्टर बोले - हमें जनता का दर्द समझना होगा, और अफसरों को दे दी चेतावनी
राजस्थान। राजस्थान संपर्क पोर्टल पर लोगों की शिकायतों का निस्तारण करने के आदेश दिए हैं. यहीं नहीं अधिकारियों को चेतावनी दी है कि 6 माह से ज्यादा जिस भी अधिकारी से संबंधित शिकायत पेंडिंग रही तो उसकी नौकरी पर खतरा आ सकता है. दरअसल उदयपुर जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा ने सोमवार को जिला परिषद सभागार में राजस्थान संपर्क पोर्टल पर दर्ज प्रकरणों की समीक्षा की.
हमें जनता का दर्द समझना होगा
कलेक्टर ने संपर्क पोर्टल पर दर्ज प्रत्येक परिवाद के गुणवत्तापूर्ण समाधान पर जोर देते हुए कहा कि राजस्थान संपर्क पोर्टल पर दर्ज होने वाला कोई भी प्रकरण सिर्फ एक कागज का टुकड़ा नहीं होता है. उस परिवाद में आम आदमी का दर्द और पीड़ा होती है. हमें जनता के इस दर्द को समझना होगा. हर जिला स्तरीय अधिकारी का यह राजकीय और नैतिक दायित्व है कि उस आदमी की पीड़ा को संवेदनशीलता से समझें और प्राथमिकता के साथ निस्तारित करें. कलेक्टर ने कहा कि राजस्थान संपर्क पोर्टल राज्य सरकार की ओर से जन समस्याओं के निराकरण की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है. यदि जिला स्तर पर कोई समस्या दर्ज होती है और उसका समाधान जयपुर से होना है, तो भी संबंधित अधिकारी का यह दायित्व है कि उस प्रकरण को उच्च स्तर पर अग्रेषित करें और उसकी प्रगति को लेकर सजग रहें.
यदि जयपुर में किसी से बात करनी है, तो करें और यदि फिर भी समाधान नहीं होता है, तो मुझे बताएं मैं बात करूंगा. लेकिन किसी भी स्थिति में कोई भी प्रकरण छह माह से अधिक लंबित नहीं रहना चाहिए. यदि कोई प्रकरण छह माह से अधिक लंबित है, तो उसके लिए जिम्मेदार अधिकारी को नियमानुसार नोटिस दिया जाएगा. कलेक्टर ने सहायक निदेशक लोक सेवा दीपक मेहता को सभी विभागों से ऐसे प्रकरणों की सूचना मंगवाकर रिपोर्ट देने को कहा. कलेक्टर ताराचंद मीणा ने बैठक में अनुपस्थित अधिकारियों को 17 सीसी का नोटिस जारी करने के निर्देश दिए. कलेक्टर ने कहा कि राजस्थान संपर्क पोर्टल आमजन की समस्याओं का आईना है. ऐसे महत्त्वपूर्ण मुद्दे पर आयोजित बैठक में अधिकारियों की अनुपस्थिति उनके गैर-जिम्मेदाराना रवैये को दर्शाती है. यदि किसी कारण से कोई अधिकारी उपस्थित नहीं हो पाए, तो उसकी पूर्व सूचना देनी चाहिए.
कलेक्टर ने बैठक में जिला स्तरीय अधिकारियों की बजाय सैकंड ऑफिसर को भेजने की प्रवृत्ति पर कहा कि कोई भी अधिकारी राजस्थान संपर्क पोर्टल की बैठक में अपने सैकंड ऑफिसर को नहीं भेजें. जब तक अधिकारी खुद इस काम को गंभीरता से नहीं लेगा, तब तक प्रकरणों के गुणवत्तापूर्ण निस्तारण की गति नहीं बढे़गी।