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आरजीएफ मामले पर भाजपा ने घेरा तो कांग्रेस ने इसे भारत जोड़ो यात्रा पर बौखलाहट करार दिया
jantaserishta.com
24 Oct 2022 3:05 AM GMT
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नई दिल्ली (आईएएनएस)| केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गांधी परिवार से जुड़े 2 गैर-सरकारी संगठन राजीव गांधी फाउंडेशन और राजीव गांधी चेरिटेबल ट्रस्ट का विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) लाइसेंस रद्द होने पर भाजपा ने कांग्रेस को घेरा, तो वहीं कांग्रेस ने पलटवार कर इसे 'भारत जोड़ो यात्रा' को मिल रही कामयाबी पर बौखलाहट करार दिया है। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "दिवाली के इस शुभ अवसर पर भ्रष्टाचार पर एक बार फिर कुठाराघात हुआ है। आरजीएफ पर कार्रवाई हुई है। सरकार भी सोनिया जी चलाती थीं और संस्था की चेयरपर्सन भी सोनिया जी थीं। 2020 में गृह मंत्रालय ने एक कमेटी बनाई थी। उसने गांधी परिवार के एनजीओ की जांच की। सरकार के इस निर्णय का हम और देश की जनता स्वागत करती है। चीन की सरकार और चीन की एम्बेसी से पैसा लिया गया, उस समय वह कांग्रेस की अध्यक्ष भी थीं।"
कांग्रेस सांसद नासिर हुसैन ने संबित पात्रा पर हमला बोलते हुए कहा, "भारत जोड़ो यात्रा की कामयाबी से ये लोग बौखला गए हैं। सभी को दिवाली की शुभकामनाएं और हम सभी को भारत जोड़ो यात्रा में आमंत्रित भी करते हैं।"
इसके साथ ही राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी हमला करते हुए कहा, "राजीव गांधी फाउंडेशन एवं राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट का एफसीआरए लाइसेंस रद्द करना मोदी सरकार की राजनीतिक दुर्भावना का प्रतीक है। इन दोनों संस्थानों का भूकंप, सुनामी, कोविड समेत हर आपदा में पीड़ितों की मदद का इतिहास रहा है।"
उन्होंने कहा, "राजीव गांधी फाउंडेशन अनाथों, महिलाओं एवं दिव्यांगों की सेवा का काम करता है। राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट महिला सशक्तिकरण एवं दृष्टिबाधितों की सेवा का कार्य कर रहा है। सिर्फ राजनीतिक कारणों से इन संस्थानों पर हमला करना मोदी सरकार द्वारा गांधी परिवार को बदनाम करने के लिए किया गया एक और कुप्रयास ही है। मोदी सरकार कितनी भी कोशिश कर ले, गांधी परिवार को जनता की सेवा करने से रोक नहीं सकती।"
सूत्रों के मुताबिक, राजीव गांधी फाउंडेशन और राजीव गांधी चेरिटेबल ट्रस्ट का विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) लाइसेंस विदेशी फंडिंग नियमों के उलंघन के चलते रद्द किया गया है। गृह मंत्रालय ने इसकी जांच के लिए साल 2020 में एक कमिटी भी गठित की थी। ये निर्णय उसी जांच कमिटी की रिपोर्ट के आधार पर लिया गया है।
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राजीव गांधी फाउंडेशन की अध्यक्ष हैं, जबकि अन्य ट्रस्टियों में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम और सांसद राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी शामिल हैं। वहीं राजीव गांधी चेरिटेबल ट्रस्ट की अध्यक्ष भी सोनिया गांधी ही हैं। वहीं इसके ट्रस्टी में राहुल गांधी, अशोल गांगुली, बंसी मेहता और दीप जोशी शामिल हैं।
जानकारी के मुताबिक, राजीव गांधी फाउंडेशन और राजीव गांधी चेरिटेबल ट्रस्ट साल 2020 में जांच के दायरे में आए थे। तब गृह मंत्रालय ने गांधी परिवार से जुड़े कुल 3 एनजीओ की जांच के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारी की अध्यक्षता में एक अंतर-मंत्रालयी समिति का गठन किया था। इनके ऊपर एफसीआरए के संदिग्ध उलंघन सहित आयकर रिटर्न्स में हेरफेर के आरोप लगे थे।
गौरतलब है कि राजीव गांधी फाउंडेशन 1991 में बनाया गया था। वहीं राजीव गांधी चेरिटेबल ट्रस्ट की स्थापना 2002 में की गई थी। साल 2020 में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी आरोप लगाया था कि इन संस्थाओं ने चीन से ऐसा फंड लिया है, जो देश हित में नहीं है।
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