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जब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा- देश संविधान से चलता है...जानें पूरा मामला

jantaserishta.com
23 July 2022 6:47 AM GMT
जब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा- देश संविधान से चलता है...जानें पूरा मामला
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न्यूज़ क्रेडिट: हिंदुस्तान

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पति-बच्‍चों को छोड़ किसी और के साथ रह रही एक शादीशुदा महिला की याचिका पर सुनवाई के बाद लिव इन रिलेशनशिप में रहने के कारण संरक्षण देने से इनकार कर दिया। हाईकोर्ट ने कहा कि देश संविधान से चलता है। लिव इन की इजाजत है लेकिन लिव इन को भारतीय समाज स्वीकार नहीं करता। कोर्ट अवैधानिकता की अनुमति नहीं दे सकती।

यह आदेश न्यायमूर्ति डॉ. केजे ठाकर और न्यायमूर्ति अजय त्यागी की खंडपीठ ने सुनीता देवी की याचिका पर दिया है। कोर्ट ने कहा कि यह याचिका अवैध संबंधों पर हाईकोर्ट की मुहर लगवाने के अलावा कुछ नहीं है। कोर्ट ने कहा कि देश संविधान से चलता है। लिव इन की अनुमति है लेकिन याचियों के बारे में नहीं कहा जा सकता कि वे पति-पत्नी हैं।
वे सामाजिक नैतिकता के विपरीत लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे हैं। हालांकि कोर्ट समान लिंग के लोगों के साथ रहने के अधिकार पर विचार करती है। लिव इन को भारतीय समाज स्वीकार नहीं करता। कोर्ट अवैधानिकता की अनुमति नहीं दे सकती।
मामले के तथ्यों के अनुसार याची ने पति का घर छोड़ दिया। उसके बच्चे भी हैं। उसका आरोप है कि पति अपने दोस्तों से संबंध बनाने को कहता है। इसलिए वह दूसरे के साथ रह रही है। उसने पुलिस व पति पर परेशान करने व धमकाने का आरोप लगाया लेकिन पुलिस से शिकायत दर्ज नहीं कराई। कोर्ट ने कहा कि वह नियमानुसार पुलिस से शिकायत कर सकती है।

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