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जब स्मृति ईरानी ने सुने ताने, कहा गया- शक्ल देखी है अपनी?, पढ़े पूरा किस्सा

jantaserishta.com
23 March 2021 9:25 AM GMT
जब स्मृति ईरानी ने सुने ताने, कहा गया- शक्ल देखी है अपनी?, पढ़े पूरा किस्सा
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ब्यूटी पेजेंट में हिस्सा लेने से लेकर टीवी इंडस्ट्री में अपनी धाक जमाने तक, स्मृति ईरानी (Smriti Irani) ने बहुत ही कम उम्र में जबरदस्त सफलता पाई और घर-घर 'तुलसी' (Tulsi) के नाम से जानी जाने लगीं। आज स्मृति ईरानी कैबिनेट मंत्री (cabinet minister) हैं और 45वां जन्मदिन (Smriti Irani birthday) मना रही हैं। आज स्मृति ईरानी ने वह सब हासिल कर लिया है, जो सबके बस की बात नहीं।

हालांकि यहां तक पहुंचने तक का स्मृति ईरानी का सफर आसान नहीं रहा। जब वह 18-19 साल की थीं तो नौकरी पाने के लिए खूब धक्के खाने पड़े। शक्ल-सूरत को लेकर बुरी बातें तक कही गईं। जब कहीं भी नौकरी की बात नहीं बनी तो उन्हें झाड़ू-पोछा और ट्रे धोने का काम करना पड़ा। साल 2014 में 'आप की अदालत' प्रोग्राम में रजत शर्मा के साथ बातचीत के दौरान स्मृति ईरानी ने अपने संघर्ष की कहानी बताई थी।
स्मृति ईरानी ने कहा था, 'नौकरी नहीं थी मेरे पास। अंत के 200 रुपये बचे थे सिर्फ। मेरी बहन ने कहा कि तुम हर रोज इंटरव्यू देकर आती हो, फिर क्या गड़बड़ करके आती हो? आज मैं चलूंगी तुम्हारे साथ। मैंने अखबार में दो इंटरव्यू देखे-एक मैकडॉनल्ड का था और एक जेट एयरवेज का। उन दिनों में पतली थी। मुझे लगा कि अगर जेट एयरवेज में नौकरी मिलेगी तो बहुत पैसा मिलेगा। कम से कम एक महीने का गुजारा अच्छे से हो जाएगा। जब मैं गई वहां तो लोगों ने कहा, 'शक्ल देखी है अपनी? न शक्ल ठीक है और न ही आपकी पर्सनैलिटी मैच होती है। हम आपको नौकरी नहीं दे सकते।'
अपने बारे में ऐसी बातें सुनकर उन्हें बड़ा धक्का लगा। तब और अजीब लगा जब वही नौकरी स्मृति ईरानी की छोटी बहन को मिल गई, जिसके लिए उन्हें शक्ल खराब बताकर रिजेक्ट किया गया था। स्मृति ईरानी बोलीं, 'मेरी बहन ने कहा कि तुझे नहीं मिल रही है तो चल मैं ट्राई कर लेती हूं। मैंने कहा कि चल कर ले ट्राई। सोचा कि जब मुझे ही नहीं मिली तो उसे क्यों मिलेगी? पर पता चला कि बहन को मिल गई नौकरी। मुझे तब अजीब लगा कि मैं बड़ी बहन हूं। मुझे नौकरी नहीं मिली, छोटी बहन को मिल गई। छोटी बहन की पगार पर थोड़े ही जिऊंगी।'
स्मृति ईरानी ने फिर सोचा कि जेट एयरवेज की नौकरी नहीं मिली तो कोई बात नहीं। मैकडॉनल्ड का जो इंटरव्यू हैं, वह दे देंगी तो काम बन जाएगा। यहां भी किस्मत खराब। जो नौकरियां और वेकंसी थीं, वो फुल हो गईं। ले देकर एक ही काम बचा था, ट्रे साफ करने और झाड़ू-पोछा का। वह किस्सा याद करते हुए स्मृति ईरानी ने 'आप की अदालत' में कहा था, 'साथ मैं मैकडॉनल्ड का इंटरव्यू था। मैं वहां गई और कहा, 'देखिए मैं पढ़ी-लिखी हूं। मैं अच्छा काम कर सकती हूं।' वो लोग बोले कि मैडम आप तो देर से आई हैं। सारी नौकरियां तो चली गईं, बस एक बची है और वह आपके लायक नहीं है।'
स्मृति आगे बोलीं, 'मैंने कहा कि क्या नौकरी है? वो बोले कि बस झाड़ू-पोछा वाली नौकरी बची है। उस वक्त मेरे पास पैसे थे नहीं। मैंने कहा कि आपकी जो नौकरी है मुझे दे दीजिए। मैं इतना विश्वास जरूर रखती हूं कि आपकी ट्रे धोते-धोते एक दिन मैं मैनेजर जरूर बन जाऊंगी। उस वक्त 1800 रुपये की नौकरी थी वह।'
जब मिस इंडिया 1989 में लिया हिस्सा
-1989-
स्मृति ईरानी की जिंदगी में टर्निंग पॉइंट तब आया जब उन्होंने मिस इंडिया 1998 ब्यूटी पेजेंट में हिस्सा लिया। भले ही वह उसमें टॉप-9 में नहीं पहुंच पाईं, पर लोगों की नजरों में जरूर आ गई थीं। इसके बाद वह मीका सिंह के म्यूजिक वीडियो 'बोलियां' में दिखीं और छा गईं। (फोटो: YouTube)
एकता कपूर ने बनाया 'तुलसी', मिला स्टारडम
2000 में स्मृति ईरानी ने कुछेक टीवी शोज किए और उसी साल एकता ने उन्हें अपने शो 'क्यूंकि सास भी कभी बहू थी' में तुलसी के रोल के लिए साइन किया। इस रोल को निभाने के बाद स्मृति ईरानी की किस्मत ऐसी पलटी कि 2 दशक बाद आज भी लोग उन्हें असल जिंदगी में तुलसी के नाम से ही जानते हैं। इस शो के लिए उन्हें बेस्ट ऐक्ट्रेस का आईटीए अवॉर्ड मिला।
एकता से लड़ाई होने पर छोड़ा 'क्यूंकि सास भी कभी...'
बताया जाता है कि बाद में स्मृति ईरानी का एकता कपूर के साथ कुछ विवाद हो गया था, जिसके कारण स्मृति ने जून 2007 में 'क्यूंकि सास भी कभी बहू थी' छोड़ दिया। तब एकता ने उनकी जगह गौतमी कपूर को तुलसी के रोल के लिए साइन किया था। हालांकि कुछ साल बाद एकता और स्मृति के मतभेद सुलझ गए और दोनों आज भी बहुत अच्छी दोस्त हैं।
ऐक्टिंग छोड़ राजनीति में एंट्री, मचा रहीं धमाल
टीवी करियर को अलविदा कहने के बाद स्मृति ईरानी बाद में राजनीति में आ गईं। उन्होंने 2003 में बीजेपी जॉइन की। इसके बाद 2019 के लोकसभा चुनावों में अमेठी से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा और राहुल गांधी को हराकर जीत हासिल की।


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