भारत

जब कांग्रेस सांसद को लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने लगाई फटकार, इस कारण भड़क गए

jantaserishta.com
27 Jun 2024 12:23 PM GMT
जब कांग्रेस सांसद को लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने लगाई फटकार, इस कारण भड़क गए
x

फाइल फोटो

देखें वीडियो.
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के बाद संसद का पहला सत्र चल रहा है. संसद के पहले सत्र के चौथे दिन राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद एक मौका ऐसा आया जब स्पीकर ओम बिरला कांग्रेस के सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा पर भड़क गए. स्पीकर ओम बिरला ने दीपेंद्र हुड्डा को फटकार लगाई. ऐसा तब हुआ जब केरल की तिरुवनंतपुरम लोकसभा सीट से सांसद निर्वाचित हुए कांग्रेस के शशि थरूर सांसद के रूप में शपथ ग्रहण करने के बाद लौट रहे थे. शशि थरूर ने शपथ लेने के बाद जय संविधान का नारा
लगाया.
दरअसल हुआ ये कि संसद सत्र के चौथे दिन कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने संसद सदस्य के रूप में शपथ लेने के बाद जय संविधान का नारा लगा दिया. शपथ ग्रहण करने के बाद शशि थरूर जब स्पीकर ओम बिरला से हाथ मिलाकर अपनी सीट की ओर लौट रहे थे, स्पीकर ने उन्हें टोका. स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि संविधान की शपथ तो ले ही रहे हैं. ये संविधान की शपथ है. स्पीकर की इस बात पर कांग्रेस के ही सांसद दीपेंद्र हुड्डा अपनी जगह खड़े हुए और कहा कि इस पर आपको आपत्ति नहीं होनी चाहिए थी सर.
स्पीकर ओम बिरला ने इस पर फटकार लगाते हुए दीपेंद्र हु़ड्डा से कहा कि किस पे आपत्ति, किस पे आपत्ति न हो सलाह मत दिया करो. चलो बैठो. इसे लेकर अब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर आपत्ति जताई है. प्रियंका ने एक्स पर पोस्ट कर सवालिया लहजे में कहा है कि भारत की संसद में 'जय संविधान' नहीं बोला जा सकता? उन्होंने स्पीकर की आपत्ति पर नाराजगी व्यक्त करते हुए लिखा- संसद में सत्ता पक्ष के लोगों को असंसदीय और असंवैधानिक नारे लगाने से नहीं रोका गया लेकिन विपक्षी सांसद के 'जय संविधान' बोलने पर आपत्ति जताई गई.
प्रियंका गांधी इतने पर ही नहीं रुकीं. उन्होंने आगे यह भी लिखा कि चुनावों के दौरान सामने आया संविधान विरोध अब नये रूप में सामने है ​जो हमारे संविधान को कमजोर करना चाहता है. प्रियंका गांधी ने आगे कहा कि जिस संविधान से संसद चलती है, जिस संविधान की हर सदस्य शपथ लेता है, जिस संविधान से हर नागरिक को जान और जीवन की सुरक्षा मिलती है, क्या अब विपक्ष की आवाज दबाने के लिए उसी संविधान का विरोध किया जाएगा?
Next Story