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जब 9 महीने पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा था- नोट कर लीजिए, मोदी सरकार को किसान विरोधी कानून वापस लेना ही पड़ेगा, देखें वही वीडियो

jantaserishta.com
19 Nov 2021 6:22 AM GMT
जब 9 महीने पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा था- नोट कर लीजिए, मोदी सरकार को किसान विरोधी कानून वापस लेना ही पड़ेगा, देखें वही वीडियो
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Rahul Gandhi on Farm Laws Repealed: कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के ऐलान के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने ट्वीट कर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने सरकार को घेरते हुए कहा कि किसानों ने अहंकार का सिर झुका दिया. जय हिंद, जय हिंद का किसान. मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने आज सुबह नौ बजे राष्ट्र को संबोधित करते हुए तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की. पीएम मोदी ने कहा कि ये कानून कृषि सुधार के लिए लाए गए थे, लेकिन हम कुछ किसानों को समझा नहीं सके. ऐसे में हमने कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया है.

पीएम नरेंद्र मोदी के इस फैसले के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ''देश के अन्नदाता ने सत्याग्रह से अहंकार का सर झुका दिया. अन्याय के खिलाफ़ ये जीत मुबारक हो! जय हिंद, जय हिंद का किसान!'' उन्होंने साथ में पुराना वीडियो भी शेयर किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि किसानों को मेरा पूरा समर्थन है. मुझे उन पर बहुत गर्व है. मेरे शब्दों को मार्क कर लीजिए, सरकार को किसान विरोधी कानूनों को वापस लेना ही पड़ेगा.''
वहीं, कांग्रेस ने ट्वीट कर कहा कि टूट गया अभिमान, जीत गया मेरे देश का किसान. सपा के प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने सरकार को घेरते हुए कहा कि जब 600 किसानों की इस कृषि कानून के धरना प्रदर्शन में मौत हो गई. प्रधानमंत्री का कभी ध्यान नहीं गया. कभी उन किसानों के बारे में नहीं सोचा. लेकिन जब एहसास हो गया कि उत्तर प्रदेश में उनकी सत्ता जा रही है, किसान उनके विरोध में खड़ा है और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने 340 किलोमीटर का सफर पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर किया. प्रधानमंत्री जी और भारतीय जनता पार्टी ने देखा कि लाखों का हुजूम रात भर उनके स्वागत के लिए खड़ा रहा. अब एहसास हो गया कि सत्ता जा रही है तो सत्ता जाने का डर सताने लगा. कृषि कानून भी वापस ले लिया. यह होता है लोकतंत्र की ताकत. इसलिए भारतीय जनता पार्टी भूल जाए तानाशाही. हिंदुस्तान में तो सिर्फ लोकतंत्र ही चलेगा.


पिछले साल केंद्र सरकार ने तीन नए कृषि कानून बनाए थे, जिसके बाद से ही किसान आंदोलन कर रहे थे. यह आंदोलन एक साल से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर चल रहा है. किसानों की मांग तीनों कानूनों को रद्द करने, एमएसपी पर कानून बनाने की है. वहीं, अब जब कानूनों को वापस लेने का ऐलान कर दिया गया है, किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि तुरंत आंदोलन वापस नहीं होगा. वह उस दिन का इंतजार करेंगे, जिस दिन संसद में कानूनों को रद्द किया जाएगा. साथ में एमएसपी और अन्य मुद्दों पर भी बात करने की मांग की.
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