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अटॉर्नी जनरल की सलाह मायने रखती है

Sonam
4 July 2023 10:43 AM GMT
अटॉर्नी जनरल की सलाह मायने रखती है
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29 जून की शाम को तमिलनाडु से एक खबर आई कि राज्यपाल आरएन रवि ने कैश फॉर जॉब स्कैम के आरोप में जेल में बंद मंत्री सेंथल बालाजी को बर्खास्त कर दिया। राज्यपाल के इस फैसले पर सीएम एमके स्टालिन ने आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि गर्वनर के पास किसी मंत्री को इस तरह से हटाने का अधिकार ही नहीं है। लेकिन पांच घंटे बाद ही राज्यपाल ने अपना फैसला वापस ले लिया। मीडिया हल्कों में खबर चली की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के के हस्तक्षेप के बाद राज्यपाल ने पत्र लिखकर स्टालिन सरकार को अपना फैसला पलटने की जानकारी दी। उन्होंने इस मामले में अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरामणि से राय भी मांगी है। इस अभूतपूर्व कदम के बाद तमाम विपक्षी दल सवाल उठाने लगे। ऐसे में आइए जानते हैं कि अटॉर्नी जवरल की सलाह क्या मायने रखती है और आर्टिकल 164 और राज्यपाल के अधिकार क्या है। गवर्नर कब कर सकते हैं मंत्री को बर्खास्त? राज्यपाल बनाम सीएम का तमिलनाडु वाला विवाद कितना पुराना है?

सबसे पहले आपको मामले का थोड़ा बैकग्राउंड बता देतें हैं जिससे आपको आगे समझने में आसानी हो। दरअसल, तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने नौकरी के बदले नकदी घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद मंत्री वी सेंथिल बालाजी को 29 जून को मंत्रिपरिषद से बर्खास्त कर दिया। राज भवन ने एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा कि ऐसी आशंका है कि वी सेंथिल बालाजी के मंत्रिपरिषद में बने रहने से निष्पक्ष जांच समेत कानून की उचित प्रक्रिया पर प्रतिकूल असर होगा जिससे राज्य में संवैधानिक तंत्र ध्वस्त हो सकता है। सेंथिल बालाजी नौकरी के बदले में नकदी लेने और धन शोधन समेत भ्रष्टाचार के कई मामलों में गंभीर आपराधिक कार्रवाई का सामना कर रहे हैं। मंत्री के रूप में अपने पद का दुरुपयोग कर वह जांच को प्रभावित और कानून तथा न्याय की उचित प्रक्रिया में बाधा डालते रहे हैं। राजभवन की तरफ से विज्ञप्ति जारी होने के बाद तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने कहा कि सरकार इसे कानूनी रूप से चुनौती देंगे। लेकिन कुछ ही घंटों में एक नई विज्ञप्ति राजभवन की तरफ से जारी कर आदेश वापस लेने के बारे में जानकारी दी गई। मुख्यमंत्री को देर रात भेजे पत्र में राज्यपाल ने कहा कि वह इस कदम को लेकर अटॉर्नी जनरल से विचार-विमर्श करेंगे और उनसे कानूनी सलाह लेंगे।

अटॉर्नी जनरल की कानूनी राय का इंतजार

अब ऐसे में अटॉर्नी जनरल की कानूनी राय के आने का इंतजार किया जा रहा है। जब तक राय नहीं आ जाती है, तब तक सैथिंल की कैबिनेट से बर्खास्तगी नहीं होगी। केंद्रीय गृह मंत्री की सलाह पर राज्यपाल ने अटॉर्नी जनरल की कानूनी राय आने तक अपने फैसले पर रोक लगाई है। राज्यपाल आरएन रवि ने तमिलनाडु सरकार को पत्र लिखकर कहा है कि फिलहाल सेंथिल मंत्री बने रहेंगे।

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