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केजरीवाल की कैसी नैतिकता, जैन हवाला कांड का सबक याद नहीं

Nilmani Pal
23 March 2024 8:36 AM GMT
केजरीवाल की कैसी नैतिकता, जैन हवाला कांड का सबक याद नहीं
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पप्पू फरिश्ता

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने जीवन के सबसे बड़े संकट से गुजर रहे हैं।कांग्रेस पार्टी ने भी उन्हें सार्वजनिक रूप से समर्थन दिया है। लेकिन वे भारतीय राजनीति में नैतिकता की जो नई परिभाषा लिख रहे हैं। उनके मंत्री किस नैतिकता के आधार पर जेल से सरकार चलाने की बात करते है. केजरीवाल ने अपने समर्थकों को स्पष्ट चिठ्ठी लिखकर अवगत कराया कि वे जेल से सरकार चलाएंगे।

एक समय था जब एक हवाला कारोबारी जैन की कथित डायरी में अडवाणी जी,माधवराव सिंधिया , नरसिम्हा राव , अरविंद नेताम और कमलनाथ जैसे नेताओं के नाम आए थे और उनपर रिश्वत लेने के आरोप लगे,तब उन्होंने नैतिकता का तक़ाज़ा देकर तत्काल अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया था।

लाल बहादुर शास्त्री ने एक ट्रेन दुर्घटना पर इस्तीफ़ा दे दिया था। अभी हाल में जब वे इंडिया अगेंस्ट करप्शन का तमाशा पूरे देश को दिखा रहे थे। कुछ महीने पहले की बात है, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गिरफ़्तारी से पहले पद छोड़कर एक नैतिक आचरण पेश किया था। ताजा उदाहरण लालू यादव , स्व. जयललिता और अभी-अभी हेमंत सोरेन ने नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दिया था.

हज़ारों साल पीछे जाएं तो अपने पिता के वचन के लिए राम ने राजपाट त्याग दिया था।जिसके लिए राजपाट छीना गया था,वह कभी भी राजा रामचंद्र के सिंहासन पर नहीं बैठा।बल्कि खड़ाऊँ रखकर तब तक राज चलाया जब तक उनके बड़े भाई राम लौटे नहीं।

भारत की ऐसी समृद्ध परंपरा रही है। दिल्ली के शराब घोटाले की सच्चाई क्या है,इसका फ़ैसला अदालत को करना है। पर एक मुख्यमंत्री पर इस घोटाले में भ्रष्टाचार का आरोप लगा है।उनकी गिरफ़्तारी हुई है।वे कस्टडी में है और मुख्यमंत्री के पद से अभी तक चिपके हुए हैं? यह कैसी नैतिकता है ? उन्हें तत्काल अपने पद से इस्तीफ़ा देना चाहिए। भारत की राजनीति में महज़ 11 साल पुरानी पार्टी राजनीति के पूरी तरह अनैतिक हो जाने की एक मिसाल पेश कर रही है। हम अपने-अपने राजनीतिक कुनबे के हिसाब से पूरी घटना पर स्टैंड ले रहे हैं,पर ख़तरा यह है कि केजरीवाल जी की अपनी कुरसी से चिपके रहने की ज़िद आगे जाकर भारतीय राजनीति को और खोखली कर देगी। इस ख़तरे को राजनीति से ऊपर उठकर भाँपने की आवश्यकता है।


दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज के सीएम अरविंद केजरीवाल के जेल से सरकार चलाने के बयान पर कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी का कहना है कि भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में यह अपनी तरह की पहली घटना है. कानून की किताबें पूरी तरह से चुप हैं. हमें कोर्ट के फैसले का इंतजार करना चाहिए।

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