वॉशिंगटन-दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संयुक्त राज्य अमेरिका की आगामी यात्रा के दौरान, उनके और राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच चर्चा एक स्वतंत्र, खुले, समृद्ध और सुरक्षित भारत-प्रशांत क्षेत्र के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को मजबूत करने पर केंद्रित होगी. व्हाइट हाउस ने बुधवार को कहा कि दोनों नेता रक्षा पर विशेष ध्यान देने के साथ रणनीतिक प्रौद्योगिकी साझेदारी को बढ़ाने के अपने साझा दृढ़ संकल्प पर भी जोर देंगे.
यह पूछे जाने पर कि क्या डिफेंस सेक्टर दोनों नेताओं के बीच चर्चा का एक प्रमुख हिस्सा होगा? व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव केरिन ज्यां पियरे ने कहा कि पीएम मोदी और राष्ट्रपति बाइडन हमारे दोनों देशों को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा करेंगे, मुक्त, खुले, समृद्ध और सुरक्षित हिंद-प्रशांत के लिए साझा प्रतिबद्धता और रक्षा सहित हमारी रणनीतिक प्रौद्योगिकी साझेदारी को बढ़ाने के हमारे साझा संकल्प पर चर्चा करेंगे.
उन्होंने कहा, ‘मेरे पास इस समय पीएम मोदी की यात्रा के बारे में कहने के लिए और कुछ नहीं है. जैसे-जैसे तारीख नजदीक आएगी, निश्चित रूप से हमारे पास साझा करने के लिए और भी कुछ होगा. आगामी यात्रा संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत के बीच गहरी और करीबी साझेदारी पर अपनी मुहर लगाएगी. यह परिवार और दोस्ती के एक ऐसे बंधन को दिखाता है, जो अमेरिकियों और भारतीयों को एक साथ जोड़ते हैं.’ प्रेस सचिव ने आगे कहा, ‘निश्चित रूप से स्वच्छ ऊर्जा और अंतरिक्ष के बारे में भी बात की जाएगी, लेकिन मैं ज्यादा विस्तार में बताने नहीं जा रही हूं कि यहां किस चीज पर जोर होगा. और जैसा कि हम 22 जून के करीब आते जाएंगे, हमारे पास निश्चित रूप से साझा करने के लिए और भी बहुत कुछ है.’
पीएम मोदी अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रथम महिला जिल बाइडन के निमंत्रण पर जून में अमेरिका की अपनी पहली राजकीय यात्रा पर आएंगे. बाइडन दंपति 22 जून को राजकीय भोज पर भी पीएम मोदी की मेजबानी करेंगे. पीएम मोदी, पहले भारतीय प्रधान मंत्री होंगे जो 21 से 24 जून तक संयुक्त राज्य अमेरिका की अपनी आगामी आधिकारिक यात्रा के दौरान दूसरी बार अमेरिकी कांग्रेस की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगे.
अमेरिका और भारत के बीच रणनीतिक गठबंधन है. इंडोनेशिया में अपनी अंतिम व्यक्तिगत बैठक में, पीएम मोदी और राष्ट्रपति बाइडन ने महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों और कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसे क्षेत्रों पर विचार-विमर्श किया था. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, बैठक में दोनों पक्षों ने महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों, उन्नत कंप्यूटिंग और कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसे भविष्योन्मुख क्षेत्रों में घनिष्ठ सहयोग पर चर्चा की. दोनों शीर्ष नेताओं ने सामयिक वैश्विक और क्षेत्रीय विकास पर भी बातचीत की.