कोरोना के बढ़ते संकट से निपटने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जो नेशनल प्लान मांगा था, उसपर मंगलवार को सुनवाई हुई. सरकार ने अपना प्लान दाखिल किया, सुनवाई के दौरान अदालत ने सवाल किया कि वैक्सीन के अलग-अलग दामों पर केंद्र क्या कर रहा है, अगर अभी की स्थिति नेशनल इमरजेंसी नहीं है तो क्या है. सुनवाई के दौरान ऑक्सीजन और वैक्सीन की सप्लाई पर भी चर्चा हुई. अदालत ने ऑक्सीजन समेत अन्य मेडिकल जरूरतों पर डाटा मांगा है और अब शुक्रवार को इसपर सुनवाई की जाएगी.
सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में क्या हुआ?
कोरोना संकट को लेकर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. केंद्र सरकार की ओर से सर्वोच्च अदालत में अपना जवाब दे दिया गया है. केंद्र सरकार की ओर से राज्यों को ऑक्सीजन सप्लाई पर लेटर भेजा गया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस सुनवाई का मतलब हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई को रोकना नहीं है, हाईकोर्ट स्थानीय हालात को बेहतर समझ सकते हैं. राष्ट्रीय मुद्दे पर हमारा दखल देना जरूरी था. हम राज्यों के बीच समन्वय बैठाने का काम करेंगे.
अदालत में सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि कोरोना की पहली लहर 2019-20 में आई, लेकिन दूसरी लहर का किसी ने अंदाजा नहीं लगाया था. हमने इसको लेकर भी कई अहम कदम उठाए हैं. केंद्र सरकार राष्ट्रीय लेवल पर हालात को मॉनिटर कर रही है, खुद पीएम भी मीटिंग कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि अभी उन्होंने केंद्र द्वारा दाखिल प्लान नहीं देखा है. उम्मीद है कि राज्यों से भी इसका फायदा होगा. हम इसे देखेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से ऑक्सीजन सप्लाई और उपलब्धता का डाटा मांगा है. साथ ही मेडिकल सुविधाएं, जरूरी दवाओं को लेकर क्या कदम उठाए गए हैं, उसको लेकर जानकारी मांगी है. केंद्र सरकार को अब सुप्रीम कोर्ट को वैक्सीनेशन के मिशन पर भी जानकारी देनी होगी.