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मणिपुर में अब जो हुआ वह कंपा देने वाला था, आखिर में छोड़ने पड़े 12 उग्रवादी
jantaserishta.com
25 Jun 2023 7:03 AM GMT
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नई दिल्ली: पिछले 50 दिनों से जातीय हिंसा की आग में धधक रहे मणिपुर में महिलाओं के एक झुंड ने सुरक्षाकर्मियों पर धावा बोलकर 12 उग्रवादियों को छुड़ा लिया है। सुरक्षा बलों ने शनिवार को कहा कि पकड़े गए 12 कांगलेई यावोल कन्ना लुप (KYKL)उग्रवादियों को तब छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा, जब महिलाओं के नेतृत्व वाले करीब 1,500 लोगों की भीड़ ने उन्हें घेर लिया और तलाशी अभियान को विफल कर दिया। मामले से वाकिफ अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर ये जानकारी दी है।
सेना के एक प्रवक्ता ने भी घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि दिन में सेना ने तलाशी अभियान के तहत 12 केवाईकेएल सदस्यों को पकड़ा था, उनमें मोइरंगथेम तम्बा उर्फ उत्तम भी शामिल था, जो 2015 में घात लगाकर किए गए हमले का मास्टरमाइंड था, जिसमें 18 सैन्यकर्मियों की मौत हो गई थी।
सेना के प्रवक्ता ने कहा, “दोपहर लगभग 2.30 बजे, विशिष्ट खुफिया सूचनाओं पर कार्रवाई करते हुए, इम्फाल पूर्व के इथम गांव में सुरक्षा बलों ने एक ऑपरेशन शुरू किया था। इस ऑपरेशन के तहत गांव की घेराबंदी की गई थी, जिसमें 12 केवाईकेएल कैडरों को हथियारों, गोला-बारूद के साथ पकड़ा गया था। पकड़े गए 12 लोगों में से 2015 के डोगरा घात मामले के मास्टरमाइंड, स्वयंभू लेफ्टिनेंट कर्नल मोइरांगथेम तम्बा उर्फ उत्तम की पहचान की गई थी।"
सेना अधिकारी ने कहा, "थोड़ी ही देर के बाद, महिलाओं और स्थानीय नेताओं के नेतृत्व में करीब 1,200 से 1,500 की भीड़ ने तुरंत ऑपरेशन वाले इलाके को घेर लिया और सुरक्षा बलों के ऑपरेशन को आगे बढ़ने से रोक दिया। महिलाओं की आक्रामक भीड़ से बार-बार अपील की गई कि सुरक्षा बलों को कानून के मुताबिक ऑपरेशन जारी रखने दें, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।"
अधिकारी ने कहा, "महिलाओं की आक्रामकता और मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए 12 KYKL उग्रवादी कैडरों को उन्हें वापस सौंप दिया गया। हालाँकि, सुरक्षा बलों ने बरामद विस्फोटकों और अन्य हथियारों को जब्त कर लिया।"
महिलाओं के नेतृत्व वाली भीड़ द्वारा सुरक्षा बलों को तलाशी अभियान चलाने से रोकने का मुद्दा पूरे मणिपुर में हो रहा है। 22 जून को, महिला प्रदर्शनकारियों के नेतृत्व में एक भीड़ ने सीबीआई टीम को आगे जाने से रोक दिया था, जो हथियारों की लूट की जांच के लिए मणिपुर पुलिस प्रशिक्षण कॉलेज में प्रवेश कर रही थी। 23 जून को भी सेना ने ट्वीट किया था कि महिलाओं के नेतृत्व में भीड़ ने सुरक्षाकर्मियों को उस इलाके में पहुंचने से रोक दिया, जहां हथियारबंद बदमाश स्वचालित बंदूकों से गोलीबारी कर रहे थे।
बता दें कि 3 मई से मेइती और कुकी समुदायों के बीच फैली जातीय हिंसा में अबतक 115 लोगों की जान जा चुकी है। मेइती समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने के एक अदालती फैसले के बाद पहली बार दोनों समुदायों के बीच 3 मई को झड़प हुई थी। इसके बाद जातीय हिंसा ने तुरंत राज्य को अपनी चपेट में ले लिया और देखते ही देखते सैकड़ों घरों को आग के हवाले कर दिया गया। इस हिंसा से हजारों लोग विस्थापित हुए हैं और भागकर पड़ोसी राज्यों में शरण लिए हुए हैं।
#WATCH | Manipur: Security forces launched an operation acting on specific intelligence, in village Itham in Imphal East district on 24th June. The operation resulted in apprehension of 12 KYKL cadres along with arms, ammunition and war-like stores. Self-Styled Lt Col Moirangthem… pic.twitter.com/B1yXoJ9WKo
— ANI (@ANI) June 25, 2023
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