दिल्ली: मेट्रो से अब जब सफर करेंगे तो वह बताएगा कि आपने पर्यावरण संरक्षण में क्या योगदान दिया और कार्बन एमिशन को कम करने में कितने सीओ-2 की बचत की। इसके लिए दिल्ली मेट्रो ने कार्बनलाइट मेट्रो ट्रैवल नामक एक पहल शुरू की है जिसमें यात्री जब सफर करेंगे उनकी टिकट पर लिखा आएगा कि उन्होने कितनी कार्बन डाइऑक्साइड एमिशन (सीओ-2) बचाई।
भारत को 2070 तक जीरो कार्बन एमिशन देश बनाना है इसलिए जरूरी है कि ऐसे सार्वजनिक परिवहन विकल्प तैयार किए जाएं जो जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने में सहायक हों। इस पहल में यात्रियों को अब सड़क आधारित मोटर वाहनों की तुलना में मेट्रो यात्रा के दौरान कार्बन डाइऑक्साइड एमिशन की औसत मात्रा कागज और मोबाइल क्यूआर टिकट पर दिखाई जाएगी। यात्री सभी यात्राओं से सीओ-2 बचत को डीएमआरसी मोबाइल एप्लिकेशन में जोड़ा व दिखाया जाएगा।
द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (टेरी), द्वारा किए गए रिसर्च से शोध बताता है कि सड़क की बजाय अगर मेट्रो से सफर करें तो हर एक किलोमीटर की यात्रा के परिणामस्वरूप 32.38 ग्राम सीओ-2 एमिशन में कमी आती है। इसलन लक्ष्मी नगर से जनकपुरी के सफर में यात्री के क्यूआर टिकट पर गर्व से लिखा होगा कि बधाई हो, आप 528 ग्राम सीओ-2 बचा रहे हैं। इससे यात्रियों को पर्यावरण के प्रति उनके योगदान का अहसास होगा। संभवत: डीएमआरसी दुनिया की पहली ऐसे मेट्रो सेवा है जो की अपने टिकटों में ऐसी सुविधा प्रदान करेगी।
दिल्ली मेट्रो के प्रधान कार्यकारी निदेशक अनुज दयाल बताते हैं कि ब्रेकिंग और मॉडल शिफ्ट से कार्बन क्रेडिट अर्जित करने वाली डीएमआरसी दुनिया की पहली रेल संगठन है। साथ ही डीएमआरसी लगभग 50 मेगावॉट की सौर ऊर्जा उत्पादन कर इस्तेमाल कर रही है। इसी साल मोबाइल पर क्यूआर कोड टिकट लागू किए हैं और मोबाइल एप से भी टिकट मिल रही है। एस डाउनलोड करने वाले यात्रियों की संख्या 4.7 लाख से ज्यादा है। यह पहल भारत सरकार के मिशन लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट, लाइफ के अनुरूप है।