दिल्ली। द्वारका इलाके में कड़ाके की सर्दी के बीच बुधवार सुबह घर में अंगीठी के धुएं से दम घुटकर दंपती की मौत हो गई। दो महीने के बच्चे के रोने से पड़ोसियों को हादसे का पता चला और उन्होंने पुलिस को सूचना दी। शुरुआती जांच में पता चला है कि पति-पत्नी ने सर्दी से बचने …
दिल्ली। द्वारका इलाके में कड़ाके की सर्दी के बीच बुधवार सुबह घर में अंगीठी के धुएं से दम घुटकर दंपती की मौत हो गई। दो महीने के बच्चे के रोने से पड़ोसियों को हादसे का पता चला और उन्होंने पुलिस को सूचना दी। शुरुआती जांच में पता चला है कि पति-पत्नी ने सर्दी से बचने के लिए कमरे के अंदर अंगीठी जला रखी थी। फिलहाल पुलिस ने दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी में रखवा दिया है। द्वारका जिला पुलिस उपायुक्त एम हर्षवर्धन के अनुसार, दंपती मूलत उत्तर प्रदेश के महोबा के रहने वाले थे और द्वारका के पोचनपुर स्थित शहीद भगत सिंह एन्क्लेव में रहते थे।
दंपती की पहचान 23 वर्षीय मानव और उनकी 22 वर्षीय पत्नी नेहा के रूप में हुई है। उनका 2 महीने का बच्चा आयुष अभी अस्पताल के आईसीयू में भर्ती है। घर से 100 मीटर की दूरी पर मानव की मां गुलाब रानी अपने 12 साल के बेटे अजय के साथ अलग रहती हैं। मानव के भाई गोविंद ने बताया कि वह पिछले करीब छह साल से दिल्ली में रह रहे थे। करीब तीन साल पहले उन्होंने पालम की रहने वाली नेहा से प्रेम विवाह किया था। मौके पर पहुंची और क्राइम और एफएसएल टीमों ने मौके से साक्ष्य उठाए। बहरहाल, पुलिस मामले की जांच कर रही है।
डॉक्टरों के अनुसार, अंगीठी में इस्तेमाल होने वाले कोयले या लकड़ी के जलने से कार्बन मोनोऑक्साइड के अलावा कई जहरीली गैसें निकलती हैं। कोयला बंद कमरे में जल रहा हो तो कार्बन मोनोऑक्साइड बढ़ जाती है और ऑक्सिजन घट जाती है। यह कार्बन सीधे दिमाग पर असर डालता है और सांस के जरिये शरीर में फैल जाता है। दिमाग पर असर होने के कारण कमरे में सोया इंसान बेहोश हो जाता है।