भारत

3 साल से अजीबोगरीब बीमारी, 12वीं की स्कूली छात्रा को प्रिंसिपल ने स्कूल आने से मना किया

jantaserishta.com
22 April 2022 5:37 PM GMT
3 साल से अजीबोगरीब बीमारी, 12वीं की स्कूली छात्रा को प्रिंसिपल ने स्कूल आने से मना किया
x
पढ़े पूरी खबर

इंदौर में 12वीं की एक स्कूली छात्रा पिछले तीन साल से अजीबोगरीब बीमारी से जूझ रही थी। उसे पसीने के साथ खून भी आता था। तीन साल में उसकी यह बीमारी लगातार बढ़ती गई। परिवार ने इंदौर में कई जगह इलाज कराया लेकिन फर्क नहीं पड़ा। फिर होम्योपैथी इलाज के दौरान पता चला कि उसे हेमैटोहाइड्रोसिस बीमारी है, जो लाखों में एक को होती है। सालभर चले इलाज के बाद अब छात्रा पूरी तरह से ठीक है।

छात्रा के पिता ने बताया कि 2019 में हथेलियों पर खुजली के साथ उसकी इस बीमारी की शुरुआत हुई थी। इसके साथ ही पसीना और फिर खून आने लगा। परिजनों ने कुछ अस्पतालों में दिखाया तो डॉक्टर्स ने कहा कि पसीने के साथ खून मिलने से लाल रंग का पसीना आ रहा है। कुछ दिनों बाद चेहरे व शरीर के अन्य हिस्सों से भी ऐसा ही लाल रंग का पसीना आने लगा। युवती को इस वजह से कई जगह घाव भी होने लगे।
लाखों में एक को होती है बीमारी
फरवरी 2021 से छात्रा का उपचार कर रहे होम्योपैथिक डॉक्टर एके द्विवेदी ने बताया कि उसे हेमैटोहाइड्रोसिस की बीमारी है। यह बीमारी लाखों लोगों में से एक में ही पाई जाती है। इस बीमारी में बॉडी से पसीने की जगह खून निकलता है। कुछ साल पहले इस तरह का केस दिल्ली में मिला था और वह भी लड़की ही थी।
प्रिंसिपल ने स्कूल आने से मना किया
यह बीमारी देख स्कूल के प्रिंसिपल ने छात्रा को स्कूल आने से मना कर दिया था, जिससे परिजन भी काफी परेशान हो गए थे। पड़ोसियों और करीबी रिश्तेदारों ने उसे झाड़-फूंक कराने की सलाह भी दी थी। हालांकि ठीक होने के बाद छात्रा फिर से स्कूल जाने लगी है।
30 हजार रुपए में हुआ इलाज
छात्रा के उपचार के लिए मनोचिकित्सक की सलाह भी ली गई। डॉ. वैभव चतुर्वेदी (एमडी, साइकायट्रिक) ने जब छात्रा को पूरी तरह स्वस्थ बताया तभी डॉ. द्विवेदी ने उपचार शुरू किया। डॉ. द्विवेदी ने बताया छात्रा का ट्रीटमेंट फरवरी 2021 में शुरू किया गया और जुलाई में खून आना बंद हो गया। फिर नवंबर 2021 के बाद शरीर या चेहरे पर भी घाव नहीं हुए। छात्रा अब पूरी तरह से स्वस्थ है।
अब बिल्कुल ठीक है बेटी
पिता के मुताबिक प्राइवेट अस्पतालों में इलाज के दौरान वे पहले ही काफी रुपए खर्च कर चुके थे। लेकिन होम्योपैथी के इलाज में मात्र 30 हजार रु. का खर्च आया और बेटी अब बिल्कुल ठीक है।
Next Story