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राज्य मानवाधिकार आयोग के पास पहुंची अजीबोगरीब फरियाद, SP से मांगी गई रिपोर्ट, बच्चे ने अपनी ही मां पर लगाया ये आरोप

jantaserishta.com
27 May 2021 6:07 AM GMT
राज्य मानवाधिकार आयोग के पास पहुंची अजीबोगरीब फरियाद, SP से मांगी गई रिपोर्ट, बच्चे ने अपनी ही मां पर लगाया ये आरोप
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पुलिस अधीक्षक से इस मामले में रिपोर्ट तलब की है.

जयपुर. कोरोना काल में राज्य मानवाधिकार आयोग (State human rights commission) के पास एक अजीबोगरीब फरियाद आई है. 11 वर्षीय एक बच्चे (Children) ने अपनी ही मां के खिलाफ आयोग को चिट्ठी भेजी है. इसमें उसने कहा है कि उसकी मां उसके दादा-दादी को गालियां देती है. इसलिए मां को कहें कि वो हमारे घर न आएं. आयोग ने उदयपुर के पुलिस अधीक्षक से इस मामले में रिपोर्ट तलब की है.

अपनी मां के गुस्सैल स्वभाव से परेशान होकर उदयपुर के अरिहंत नगर निवासी पार्थ सारथी पुत्र सिद्धार्थ चौधरी ने मानवाधिकार आयोग से मदद की गुहार लगाई है. पार्थ ने आयोग को भेजे पत्र में लिखा है कि उसकी मां न सिर्फ उसे बल्कि दादी-दादा को भी प्रताड़ित करती है. वह अपने दादा चंद्र सिंह और दादी डॉक्‍टर ज्योति चौधरी के साथ रहता है. मां मोनिका गुप्ता उसके साथ नहीं रहती हैं.
पार्थ ने आयोग को लिखा है कि उसका लालन-पालन दादा-दादी ने किया है. अब उसकी मां लगातार घर आकर उन सभी को प्रताड़ित करती है. दादा-दादी के साथ गाली-गलौज करती है. दादी को तो डायन कहकर बुलाती है. जिस दिन मां हमारे घर आती हैं, उस दिन घर का सारा माहौल बिगाड़कर रख देती है. वैसे ही कोरोना के चलते पढ़ाई में मुश्किल है, लेकिन मां के स्वभाव के चलते मेरी पढ़ाई पूरी तरह खराब हो रही है. ऐसे में मेरी मां को पाबंद किया जाए कि वह कभी हमारे घर न आए.
आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायाधीश गोपाल कृष्ण व्यास ने उदयपुर एसपी राजीव पचार को इस बाबत पत्र भेजा है. आयोग ने कहा है कि वह इस मामले की पूरी तरह से जांच कर रिपोर्ट भेजें, ताकि वास्तविक तथ्यों का पता चल सके और आवश्यक कार्रवाई की जा सके.
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