दिल्ली। शराब घोटाले में सीबीआई की रडार पर आए दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के घर शुक्रवार को सीबीआई ने 14 घंटे तक रेड की. सुबह शुरू हुई रेड देर रात तक चली. जांच के दौरान CBI की टीम ने कुछ सीक्रेट डॉक्यूमेंट भी बरामद किए. इस मामले में सीबीआई की FIR ने सिसोदिया की मुसीबत बढ़ा दी है. सीबीआई की रेड के बाद देर रात मनीष सिसोदिया का पहला बयान सामने आया. उन्होंने सीधे-सीधे केंद्र सरकार पर हमला बोला. सिसोदिया ने कहा कि सीबीआई की टीम मेरा कंप्यूटर और पर्सनल मोबाइल सीज करके ले गई. मैंने और मेरी फैमिली ने जांच में पूरा सहयोग दिया. आगे भी जांच होगी तो सहयोग देते रहेंगे. हमने कुछ गलत नहीं किया है, कोई भ्रष्टाचार नहीं किया है. इसलिए हम डर नहीं रहे हैं.
सिसोदिया ने आगे कहा कि हम जानते हैं कि सीबीआई का दुरुपयोग किया जा रहा है. सीबीआई को ऊपर से यूज किया जा रहा है, ऊपर से कंट्रोल किया जा रहा है. सब लोग जानते हैं कि किस तरह सीबीआई को कंट्रोल करके दिल्ली सरकार के अच्छे काम रोकने की कोशिश की जा रही है.
दिल्ली के डिप्टी सीएम ने आगे कहा कि हम कट्टर ईमानदार हैं. पिछले 7-8 साल, जब से राजनीति में आए हैं, ईमानदारी की राजनीति करते हैं. हमने कहीं कुछ गलत नहीं किया और आगे भी ऐसे ही काम करते रहेंगे. बहुत ईमानदारी से दिल्ली में स्कूल बनाए हैं. लाखों बच्चों का भविष्य संवारा है. ईमानदारी से काम करते हुए अस्पताल बनवाए हैं. लाखों लोगों को इलाज मिला है. लाखों लोगों की दुआएं, लाखों बच्चों और उनके पेरेंट्स की दुआएं हैं. हम उनके लिए काम करते रहेंगे. सिसोदिया ने कहा कि केंद्र सरकार सीबीआई का जितना दुरुपयोग करना चाहे कर ले, हमने कुछ गलत नहीं किया, वे हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकते. ये लाख रोकने की कोशिश करें, लेकिन स्कूल का काम, लोगों को अच्छी शिक्षा देने का काम, अच्छा इलाज देने का काम दिल्ली सरकार रोकेगी नहीं.
बता दें कि इस मामले में सिसोदिया को सिर्फ एक आरोपी नहीं माना जा रहा है, बल्कि मुख्य आरोपी के तौर पेश किया जा रहा है. सीबीआई की FIR में मनीष सिसोदिया का नाम सबसे ऊपर है, बाकी आरोपियों के नाम नीचे आ रहे हैं. ऐसे में जांच का केंद्र मनीष सिसोदिया पर ही रहने वाला है. वैसे डिप्टी सीएम के सामने चुनौती ये भी है कि जो उनके करीबी हैं, उन पर कमीशन लेकर शराब व्यापारियों को लाइसेंस देने का आरोप लग गया है. सीबीआई को इसके भी कुछ पुख्ता सबूत हाथ लगे हैं.
सिसोदिया पर दो बड़े आरोप क्या हैं?
इस पूरे मामले में मनीष सिसोदिया पर दो प्रमुख आरोप हैं. पहला आरोप ये है कि जब Excise Department ने Liquor Shops के लिए लाइसेंस जारी किए तो इस दौरान मनीष सिसोदिया द्वारा कुल Private Vendors को 144 करोड़ 36 लाख रुपये का फायदा पहुंचाया गया. क्योंकि इस दौरान इतने रुपये की License Fee माफ कर दी. जिससे सरकार को भारी नुकसान हुआ. इसके अलावा मनीष सिसोदिया पर ये भी आरोप है कि उन्होंने कैबिनेट को भरोसे में लिए बिना और उप-राज्यपाल के बिना फाइनल अप्रूवल के कई बड़े फैसले लिए.
CBI की FIR से क्या पता चलता है?
वैसे जिस सीबीआई कॉपी की वजह से ये मामला ज्यादा मजबूत बना है, उसमें कुछ लोगों का जिक्र किया गया है. ये सभी मनीष सिसोदिया के करीबी हैं. FIR कॉपी से पता चलता है कि अमित अरोड़ा, दिनेश अरोड़ा और अरुण पांडे शराब व्यापारियों से कमीशन लिया करते थे. कमीशन के बदले में ही लाइसेंस दिया जाता था. अब ये चारों ही मनीष सिसोदिया के करीबी बताए गए हैं, इसी वजह से सीबीआई को उनकी भूमिका को लेकर संदेह है.