कश्मीरी पंडित भले ही घाटी से बाहर तबादले की मांग कर रहे हों, लेकिन जम्मू-कश्मीर प्रशासन ऐसे किसी मांग को फिलहाल ज्यादा तवज्जो नहीं दे रही है. जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि कर्मचारियों को घाटी से बाहर नहीं भेजा जाएगा बल्कि सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया जाएगा. इसी सिलसिले में प्रशासन ने शनिवार को विभिन्न इलाकों में तैनात 177 कश्मीरी पंडितों का जिला मुख्यालय में ट्रांसफर या फिर समायोजन कर दिया है.
आतंकियों द्वारा कश्मीर में टारगेट किलिंग की लगातार घटनाओं को अंजाम दिए जाने के बाद गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को 15 दिनों में दूसरी हाई लेवल मीटिंग की. गृह मंत्री अमित शाह ने इस मीटिंग की अध्यक्षता की. उन्होंने घाटी में रह रहे कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा को और भी फूलप्रूफ बनाने का निर्देश दिया है.
जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रहे टारगेट किलिंग को लेकर कश्मीरी पंडितों ने शनिवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया गया. कश्मीरी पंडितों की मांग है कि सरकार उनकी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करे. कश्मीरी पंडितों ने कहा कि घाटी में हिन्दुस्तान का झंडा उठाने वालों को टारगेट किया जा रहा है. कश्मीरी पंडितों ने कहा कि यदि कश्मीरी हिन्दुओं पर घाटी में भी हमला होता है तो पीओके और कश्मीर में क्या फर्क रह गया है. वहीं शनिवार को जम्मू में भी हिन्दुओं ने प्रदर्शन किया।