भारत और नेपाल के बीच सीमा विभाजन करती काली नदी का जलस्तर घटा
हरिद्वार: भारत और नेपाल के बीच सीमा विभाजन करती काली नदी का जलस्तर कम होने के साथ ही अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तस्करी की संभावना बढ़ गई है. अमूमन नदी का जलस्तर कम होने के बाद ही तस्कर एक से दूसरे देश में अवैध तरीके से सामान की सप्लाई करते हैं. बीते दो सालों में ही अक्तूबर से मार्च माह के बीच तस्करी के 13 मामलें सामने आ चुके हैं. ऐसे में नदी का जलस्तर घटने के बाद सुरक्षा एजेंसियों के लिए सीमा पर तस्करी को रोकना किसी चुनौती से कम नहीं होता है.
जनपद में ठंड शुरू होते ही काली नदी का जलस्तर लगातार कम होता जा रहा है. इससे नदी किनारे रहने वाले लोगों ने राहत की सांस ली है. वहीं इसका लाभ तस्कर भी उठा सकते हैं. दरअसल धारचूला से लेकर 0 किमी दूर पंचेश्वर तक कई जगह तस्कर अवैध तरीके से भारत और नेपाल के बीच आवाजाही करते हैं. मानसून काल के दौरान काली नदी का जलस्तर चेतावनी लेवल 889 मीटर के करीब था, जो अब काफी कम हो गया है. सीमा पर तस्करी की संभावना बढ़ गई है. हालांकि एसएसबी सीमावर्ती क्षेत्रों में मुश्तेदी से जुटी हुई है.
इन इलाकों से होती है अवैध तरीके से आवाजाही तालेश्वर, सुनखोली, ड्योडा, बलतडी, कानडी आदि क्षेत्र हैं. इधर, झूलाघाट थानाध्यक्ष पीसी जोशी ने कहा कि तस्करी के खिलाफ पुलिस अभियान चलाती है, सीमा पर गश्त भी तेज की गई है.
बीड़ी-सिगरेट से लेकर जैकेट तक होती है सप्लाई
नेपाल से भारत में बीड़ी-सिगरेट से लेकर जैकेट तक सप्लाई होती है. नेपाल के सिगरेट खुकरी की भारत में खासी मांग है. अधिकतर अवैध तरीके से यह भारत में ब्रिकी को पहुंचती है. इसके अलावा भारत से खाद्य सामाग्री गेंहू-चीनी आदि सामाग्री को नेपाल भेजा जाता है. नेपाली नागरिक किशन सिंह साऊद कहते हैं कि नेपाल की ओर से सौ रुपये से ऊपर लगी नोटों पर रोक लगने से तस्करी का कारोबार और भी बढ़ सकता है.