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दिल्ली-एनसीआर में एक घंटे की जोरदार बारिश में की ज्यादातर सड़कों पर भरा पानी, जानें ताजा अपडेट
Deepa Sahu
2 Sep 2021 1:50 PM GMT
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बीते दिन बारिश ने दिल्ली की सड़कें तालाब में तब्दील कर दी थीं.
बीते दिन बारिश ने दिल्ली की सड़कें तालाब में तब्दील कर दी थीं. कई इलाकों में जलभराव आधी रात से ही शुरू हो गया था. लुटियंस जोन, डिफेंस कॉलोनी समेत राजधानी की कई पॉश कॉलोनियां भी डूब गई थीं. गुरुवार को मौसम विभाग (IMD) ने दिल्ली और उससे सटे इलाकों में हल्की से भारी बारिश होने की चेतावनी के साथ यैलो अलर्ट भी जारी कर दिया.
पिछले 24 घंटे से रुक रुक कर बारिश हो रही थी लेकिन आज सुबह करीब एक घंटे जोरदार बारिश हुई जिस कारण दिल्ली और आसपास के इलाके डूबे नजर आए और सड़कें मानो गायब हो गईं. फिलहाल 3 सितंबर को उमस भरी गर्मी की वापसी होने की आशंका है क्योंकि न्यूनतम तापमान में लगातार तीसरे दिन एक डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी दर्ज की जा सकती है.
जलभराव ने लोगों की मुसीबतों को बढ़ायी
न्यूनतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस पहुंचने का अनुमान है. हल्की बारिश हो सकती है. वहीं 4 सितंबर का न्यूनतम तापमान बीते दिन के मुकाबले एक डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी पर दर्ज किया जा सकता है. जो कि गर्मी और उमस लगातार बढ़ाएगा. न्यूनतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस वहीं अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जा सकता है.
दिल्ली और एनसीआर में करीब 26 घंटे से हो रही बारिश फिलहाल रुक गई है लेकिन जलभराव अब भी लोगों की मुसीबतों को बढ़ा रहा है. नोएडा, गाज़ियाबाद से इंडिया गेट जाने के लिए जिस सड़क का इस्तेमाल किया जाता है उसकी तीन में से दो लेन पानी में दोपहर तक डूबी रहीं और सभी वाहनों को केवल पगडंडी जैसी एक लेन का इस्तेमाल करना पड़ा.
अंडरपास का टनल पानी से भरा
गाड़ियों की गति धीमी हो गई साथ ही टू व्हीलर के लिए मुश्किलें और बढ़ गईं क्योंकि जलमग्न हुई सड़क पर अनुमान लगाना मुश्किल है कि कहीं गड्ढा तो नहीं. निर्माणाधीन अंडरपास का टनल ऊपर तक पानी से भर गया. मौसम विभाग के अनुसार आज दिल्ली एनसीआर के साथ-साथ हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड में मध्यम से भारी बारिश का अनुमान है. हालांकि आने वाले हफ्ते में भारी बारिश का अलर्ट नहीं है लेकिन मध्यम दर्ज की बारिश एक बार फिर से हो सकती है.
गाजियाबाद की कई रेजिडेंशियल सोसाइटी पूरी तरह से पानी में डूब गईं. सड़क का नामों निशान पूरी तरह से गायब दिखा और चारों तरफ करीब आधा फीट पानी दोपहर तक जमा रहा. यदि कुछ देर और बारिश होती तो पानी घुटने तक पहुंचने की आशंका बनी रही. गाड़ियों और टू व्हीलर को सड़क पर चलने में जद्दोजहद करनी पड़ी. ड्रेनेज पूरी तरह से ब्लॉक नजर आया, अगर समय पर नालों की सफाई होती तो इस कदर पानी यहां नही भरता.
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