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Nilmani Pal
23 Sep 2022 2:33 PM GMT
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नई दिल्ली: दिल्ली के त्रिनगर और कीर्ति नगर में पार्क में दशहरा और रामलीला समारोह के आयोजन को लेकर दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) ने इलाके की समितियों को मंजूरी नहीं दी. इस बात की शिकायत जब दिल्ली हाईकोर्ट पहुंची, तो डीडीए को ना सिर्फ अनुमति देने का आदेश सुनाया गया, बल्कि अपने ही एक आदेश के चलते उसकी खूब किरकिरी भी हुई.
दिल्ली के त्रिनगर और कीर्ति नगर में दो अलग-अलग पार्कों में दो रामलीला सोसायटियों ने दिल्ली विकास प्राधिकरण से दशहरा और रामलीला समारोह करने की अनुमति मांगी थी. उन्होंने हाईकोर्ट में दायर अपनी याचिका में कहा कि वे पिछले कई दशकों से डीडीए की अनुमति से इन पार्कों में रामलीला और दशहरा समारोह आयोजित कर रहे हैं. लेकिन इस बार डीडीए इसकी अनुमति नहीं दे रहा है.
इस मामले में सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने दोनों सोसायटियों को राहत दी है. उसने डीडीए से कहा कि वह दोनों समितियों को सभी सुरक्षा मानदंडों का पालन करने का निर्देश देने के साथ रामलीला और दशहरा उत्सव मनाने की अनुमति दे.
इस मामले में सोसायटियों की तरफ से पेश हुए वकील ने हाई कोर्ट से कहा कि 25 अगस्त को अनुमति के लिए आवेदन किया गया था और डीडीए ने इसका जवाब नहीं दिया. न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा की पीठ ने सुनवाई के दौरान उपराज्यपाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिए गए निर्णय का संज्ञान लिया. इसमें 22 अगस्त को डीडीए कार्यालय ने आदेश जारी कर कहा था कि 6 सितंबर से 15 अक्टूबर तक दिल्ली के अलग-अलन पार्क में चुनिंदा समितियों को रामलीला करने की इजाजत होगी. इसकी एक सूची जारी की गई थी. ताकि इस दौरान कोई अन्य आयोजन समिति ऑनलाइन मोड के माध्यम से किसी अतिरिक्त सामाजिक और सांस्कृतिक समारोह के लिए इन पार्क की बुकिंग नहीं कर सके.पीठ ने देखा कि श्री केशव धार्मिक रामलीला समिति को 24 सितंबर से 5 अक्टूबर तक त्रिनगर में कन्हैया नगर मेट्रो स्टेशन के पास महर्षि दयानंद पार्क (नेपाल वाला बाग) में और आस्था रामलीला समिति को डॉ. हेडगेवार पार्क (टंकी वाला पार्क) कीर्ति नगर के सरस्वती गार्डन में रामलीला आयोजित करने की अनुमति दी गई है. जबकि डीडीए के वकील ने कोर्ट में दलील दी कि दिल्ली में सार्वजनिक पार्कों का इस्तेमाल शादी, रामलीला या व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए नहीं किया जा सकता है.
रामलीला समितियों की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता ने दिल्ली धार्मिक महासंघ की ओर से तैयार की एक सूची दिखाई. इसमें याचिकाकर्ता समितियों के नाम थे. डीडीए कार्यालय का आदेश भी रिकार्ड पर पेश किया गया. तब जस्टिस दिनेश शर्मा की एकल जज पीठ ने कहा कि डीडीए कार्यालय के आदेश के मद्देनजर दोनों समितियों को संबंधित पार्कों में सभी नियमों के पालन करने की शर्त पर इन पार्क में रामलीला और दशहरा समारोह आयोजित करने की अनुमति दी जानी चाहिए.
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