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Nilmani Pal
9 May 2022 12:31 PM GMT
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बिहार। मशरूम की खेती (Mushroom Farming) में पिछले कुछ वर्षों से तरक्की कर रहे बिहार के किसानों ने इस बार कमाल कर दिया है. उत्पादन के मामले में बिहार देश में पहले पायदान पर पहुंच गया है. नेशनल हॉर्टिकल्चर बोर्ड की तरफ से जारी हुए आंकड़ों के मुताबिक, मशरूम उत्पादन में बिहार (Bihar) नंबर एक पर है. राज्य के कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने इस उपलब्धि पर खुशी व्यक्त की है और इसका पूरा श्रेय राज्य के किसानों को दिया है. उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ किसानों को मिल रहा है. इसी का नतीजा है कि बिहार के किसान सफलता की नई कहानी लिख रहे हैं.

नेशनल हॉर्टिकल्चर बोर्ड के आंकड़ों से पता चलता है कि 2021-22 में बिहार में कुल 28000 मीट्रिक टन मशरूम का उत्पादन हुआ, जो देश मे उत्पादित कुल मशरूम का 10.82 फीसदी है. पिछले साल बिहार में कुल 23 हजार मीट्रिक टन मशरूम का उत्पादन हुआ था. वहीं 3 साल पहले राज्य मशरूम उत्पादन के मामले में 13वें पायदान पर था. कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि राज्य के लिए यह बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि बिहार को पारंपरिक फसलों की खेती के लिए जाना जाता है. हालांकि अब यहां पर खेती में काफी प्रयोग हो रहे हैं और किसानों को सफलता भी मिल रही है.

हॉर्टिकल्चर बोर्ड के आंकड़ों से पता चलता है कि मशरूम उत्पादन में बिहार के बाद महाराष्ट्र का नंबर है. कुल उत्पादन में महाराष्ट्र की हिस्सेदारी 9.89 फीसदी है जबकि तीसरे नंबर पर रहे ओडिशा की की हिस्सेदारी 9.6 फीसदी है. बिहार में मशरूम की खेती को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले और मशरूम मैन के नाम से मशहूर डॉ दयाराम ने इस सफलता पर किसानों को बधाई दी है. उन्होंने बताया कि हमने मशरूम रिसर्च सेंटर को सरकारी आंकड़े सौप दिए थे. कोरोना काल में आए बाहर से बिहार में आए लोगों ने गजब उत्साह दिखाया और रिकॉर्ड उत्पादन हासिल किया. उन्होंने कहा कि हमें ग्रामीण इलाकों में उत्पादित मशरूम का डेटा नहीं मिला है. राज्य में हर तरह के लोग मशरूम की खेती कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमारे अनुमान के मुताबिक हर जिले में कम से कम 1000 मीट्रिक टन का उत्पादन हो रहा है.

बिहार के हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट के डायरेक्टर नंदकिशोर इसके लिए किसानों को श्रेय दे रहे हैं. TV9 डिजिटल से बातचीत में उन्होंने बताया कि बिहार सरकार की योजना में पिछले कुछ वर्षों में युवाओं ने गजब का उत्साह दिखाया है. अब सरकार प्रोसेसिंग यूनिट पर विशेष काम करेगी ताकि किसान बाई प्रोडक्ट बनाकर भी अपनी कमाई को बढ़ा सकें.


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