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दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि हिंदी भाषा प्रतिस्पर्धी नहीं है, बल्कि देश की अन्य सभी भाषाओं की "मित्र" है। अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन में बोलते हुए, गृह मंत्री ने कहा कुछ लोग यह अफवाह फैला रहे हैं कि हिंदी और गुजराती, हिंदी और तमिल, हिंदी और मराठी प्रतिस्पर्धी हैं। हिन्दी देश की किसी अन्य भाषा की प्रतियोगी नहीं हो सकती। आपको यह समझना चाहिए कि हिंदी देश की सभी भाषाओं की मित्र है। शाह की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब दक्षिण भारत के राज्यों में तीखी बहस चल रही है कि केंद्र देश के गैर-हिंदी भाषी लोगों पर हिंदी थोपने की कोशिश कर रहा है। शाह ने कहा कि हिन्दी एक राजभाषा के रूप में पूरे देश को एकता के सूत्र में बांधती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस अवसर पर लोगों को बधाई दी और कहा कि हिंदी की सादगी, सरलता, सहजता और संवेदनशीलता लोगों को आकर्षित करती है। पीएम मोदी ने एक ट्वीट में कहा, "हिंदी ने दुनिया भर में भारत के लिए विशेष सम्मान लाया है। इसकी सादगी, सहजता और संवेदनशीलता हमेशा आकर्षित करती है। हिंदी दिवस पर, मैं उन सभी लोगों को हार्दिक बधाई देता हूं जिन्होंने इसे समृद्ध और सशक्त बनाने में अथक योगदान दिया है।"
शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार हिंदी सहित सभी स्थानीय भाषाओं के "समानांतर विकास" के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि भाषाओं के सह-अस्तित्व को स्वीकार करने की आवश्यकता है। साथ ही इसके शब्दकोश का विस्तार करने के लिए अन्य भाषाओं के शब्दों को लेकर हिंदी को लचीला बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। अमित शाह ने कहा, "मैं एक बात बहुत स्पष्ट कर देना चाहता हूं। कुछ लोग यह अफवाह फैला रहे हैं कि हिंदी और गुजराती, हिंदी और तमिल, हिंदी और मराठी प्रतिस्पर्धी हैं। हिन्दी देश की किसी अन्य भाषा की प्रतियोगी नहीं हो सकती। आपको यह समझना चाहिए कि हिंदी देश की सभी भाषाओं की मित्र है।" गौरतलब है कि अमित शाह की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब विशेष रूप से दक्षिण भारत के राज्यों में तीखी बहस चल रही है कि केंद्र देश के गैर-हिंदी भाषी लोगों पर हिंदी थोपने की कोशिश कर रहा है।