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दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को लोगों के भड़काने के आरोप में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन यानी एआईएमआईएम (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) समेत कई लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. दिल्ली पुलिस की ओर से दर्ज एफआईआर में बीजेपी के पूर्व प्रवक्ताओं नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) और नवीन जिंदल, विवादित संत यती नरसिंहानंद समेत कुल 32 लोगों के नाम हैं. इन पर सोशल मीडिया के जरिये कथित तौर पर शांति भंग करने और लोगों को भड़काने वाले मैसेज डालने का आरोप है. वहीं दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की ओर से दर्ज की गई इस एफआईआर के बाद ओवैसी की भी प्रतिक्रिया आई है.
एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने गुरुवार को अपने ट्विटर अकाउंट पर एफआईआर की कॉपी का अंश साझा किया है. इसके साथ उन्होंने लिखा है, 'मुझे एफआईआर की कॉपी का एक हिस्सा मिला है. मैंने यह पहली एफआईआर देखी है, जिसमें अपराध का कहीं जिक्र ही नहीं है. सोचिए कि अगर कोई हत्या की एफआईआर है. और उसमें पुलिस हत्या में प्रयुक्त हथियार का जिक्र ना करे या फिर कैसे पीड़ित की जान गई यह भी ना बताए.' दिल्ली पुलिस की ओर से दर्ज की गई एफआईआर पर ओवैसी ने आगे कहा है कि दिल्ली पुलिस की ओर से शायद ऐसा सोचा जा रहा था कि हिंदुत्ववादी कट्टरपंथियों को बिना ठेस पहुंचाए ही इन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का तरीका निकाला जाए. दिल्ली पुलिस पक्षवाद या संतुलनवाद सिंड्राम से ग्रसित दिखाई देती है. ओवैसी की ओर से इस दौरान केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा गया है. ओवैसी ने कहा है कि यह ध्यान देने की बात है कि सत्तारूढ़ दल के प्रवक्ताओं और प्रमुख धर्म गुरुओं की ओर से की गई हेट स्पीच का करीबी संबंध सत्तारूढ़ पार्टी से भी है.