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झारखंड। झारखंड में पशुपालन को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है. क्योंकि यहां पशुपालन (Animal Husbandry) के जरिए किसानो की आय को बढ़ाया जा सकता है. पशुपालन खास कर गौपालन (Cow Farming) को बढ़ावा देने के लिए राज्य में अनुदान पर गाय दिया जा रहा है. साथ ही राज्य सरकार ने हाल ही में गोबर खरीद योजना शुरू करने की घोषणा की है. इसके जरिए राज्य में राज्य में पशुपालन के साथ-साथ जैविक खेती (Organic Farming) और दूध उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा. झारखंड में सदियों से घर बारी की परपंरा रही है, जिसके तहत किसानों के पास घर में मुर्गी, बकरी गाय बैल या भैंस होते थे. जिनका अलग-अलग उपयोग होता था. मुर्गी और बकरीपालन (Goat Farming) किसानों के लिए एटीम की तरह काम करते थे, साथ ही बैलों का इस्तेमाल कृषि कार्यों के लिए होता था.
हालांकि समय के साथ अब पशुपालन की परंपरा में कमी आयी है. इसमें तेजी लाने के लिए मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना लागू की गयी है. इस योजना के जरिए वो किसान कि भी लाभान्वित होंगे जिनके पास पशुधन नहीं है या फिर एक यो दो जानवर ही उनके पास है. किसानों के लिए कल्याणकारी झारखंड सरकार की इस योजना के तहत राज्य के किसान गौपालन के अलावा, सुअर पालन, मुर्गी पालन और बतख पालन कर सकते हैं. योजना के तहत जो किसान इस योजना के लिए आवेदन देंगे, उनके खाते में योजना की राशि डाल दी जाएगी.
योजना के तहत जो किसान पशुपालन करेंगे उन्हें उनकी आय दोगनी करने में मदद मिलेगी. इसके जरिए किसान खेती भी कर पाएंगे और इससे उनकी कमाई बढ़ेगी. उन्हें एक और फायदा यह होगा की अगर कृषि में उन्हें नुकसान होगा तो पशुपालन के जरिए उनकी नुकसान की भारपाई हो जाएगी. इससे उन्हें आर्थिक फायदा होगा. सिर्फ कृषि पर निर्भर रहने वाले किसानों को पशुपालन से भी फायदा होगा. उनकी कमाई बढ़ेगी तो ग्रामीण अर्थव्यवस्था में मजबूती आएगी. इसके लिए आवेदन भरने के लिए आवेदक का झारखंड का निवासी होना अनिवार्य है तब ही उन्हें इस योजना का लाभ मिल पाएगा. इसके साथ ही आवेदक के पास योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक के पास सभी दस्तावेज होने चाहिए. आवेदक का पशुपालक होना जरूरी है औऱ उसके पास खेत का होना जरूरी है. इसके अलावा आवेदक के पास पशुपालन के संबंधित सुविधाएं होनी चाहिए.