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राजस्थान। राजस्थान के मेहंदीपुर बालाजी में भारतीय स्टेट बैंक (sbi bank) की एक शाखा की तिजोरी से चोरी हुए 11 करोड़ रुपये के सिक्के (missing coins) का मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (cbi) ने ले लिया है. सीबीआई के अधिकारियों ने सोमवार को दी जानकारी में बताया कि इस मामले की सीबीआई से जांच कराने के लिए राजस्थान उच्च न्यायालय (rajasthan highcourt) से अपील की गई थी क्योंकि गायब हुई राशि 3 करोड़ रुपये (3 crore fraud) से अधिक है ऐसे में किसी केंद्रीय एजेंसी का जांच करना की जरूरी था. सीबीआई (cbi investigation) ने अब इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है. इस मामले में शुरूआती तौर पर मामला 16 अगस्त 2021 को करौली के टोडाभीम पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था.
इसके बाद एक बैंक समिति ने भी जांच की थी. बता दें कि सिक्के चोरी होने का मामला तब सामने आया जब एसबीआई की शाखा ने प्रारंभिक जांच के बाद सिक्कों की गिनती करने का फैसला किया जिसमें बैंक में रखी नकदी में गड़बड़ी के संकेत मिले.
बैंक के मुताबिक 13 करोड़ रुपये से अधिक के सिक्कों की गिनती के लिए जयपुर के एक निजी वेंडर की सेवा ली गई जिसके बाद पता चला कि शाखा से 11 करोड़ रुपये से अधिक के सिक्के गायब हैं. गिनती में लगभग दो करोड़ रुपये ले जाने वाले केवल 3,000 सिक्कों का ही हिसाब सामने आया. एजेंसी ने 22 जुलाई 2021 को शाखा प्रबंधक हरगोविंद मीणा की निगरानी में पैसों की गिनती की.
एजेंसी की तरफ से दर्ज किए गए मामले में आरोप लगाया गया है कि गिनती करने वाले निजी वेंडर के कर्मचारियों को 10 अगस्त 2021 की रात 10-15 हथियारबंद लोगों ने गेस्ट हाउस में धमकाया गया, जहां वह ठहरे थे और उन्हें सिक्कों की गिनती करने से रोका गया था. बैंक की तरफ से दर्ज करवाए गए मामले में कहा गया है कि 6 अगस्त, 2021 तक, एजेंसी ने 2,350 बैग में 1,39,60,000 करोड़ रुपये के सिक्कों की गिनती की थी और मामला दर्ज करने के समय, 600-700 बैग की अनुमानित कीमत 60,00,000 रुपये थी. इस मामले में आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी), 409 (लोक सेवक या बैंकर, व्यापारी या एजेंट, आदि द्वारा आपराधिक विश्वासघात) और 120 बी (आपराधिक साजिश) लगाई गई है.