भारत

देखें शाम 6 बजे की LIVE बुलेटिन, और बने रहिए jantaserishta.com पर

Nilmani Pal
18 April 2022 12:32 PM GMT
देखें शाम 6 बजे की LIVE बुलेटिन, और बने रहिए jantaserishta.com पर
x

कृषि व्यवसाय पूरी तरह से प्रकृति पर निर्भर है. प्रकृति न केवल बुवाई और उत्पादन में भूमिका निभाती है, बल्कि कटाई की योजना भी किसान प्रकृति के अनुसार ही बनाते हैं. इस समय किसान तेजी से हल्दी (Turmeric) की कटाई का काम कर रहे हैं. मौसम वैज्ञानिकों ने बेमौसम बारिश का पूर्वानुमान व्यक्त किया है. बारिश की आशंका के बीच किसान 20 अप्रैल तक कटाई कर लेना चाहते हैं. किसानों का कहना है कि संभावित नुकसान से बचने के लिए इतनी गर्मी में भी खेत मे कटाई का काम शुरू कर दिया है. मराठवाड़ा में न केवल हल्दी बल्कि ज्वार और गेहूं की भी कटाई की जा रही है. वहीं इस समय हल्दी को रिकॉर्ड भाव मिल रहे हैं, जिसके चलते किसान (Farmer) और भी जल्दी-जल्दी कटाई कर रहे हैं. कुछ जिलों में किसानों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है. दरअसल हल्दी की कटाई के बाद उसे पकाना पड़ता है, जिसके लिए पानी की जरूरत पड़ती है. लेकिन किसान कह रहे है कि हमें पानी के लिए भटकना पड़ रहा है.


हल्दी के उत्पादन में कमी आई है. मराठवाड़ा में हल्दी व्यापक रूप से हिंगोली और नांदेड़ जिले में उगाई जाती है. इसके अलावा, वासमत का बाजार हल्दी के लिए प्रसिद्ध है. हल्दी खरीदने के लिए न केवल राज्य बल्कि हैदराबाद और कर्नाटक से भी व्यापारी यहां आते हैं. हल्दी से कॉस्मेटिक्स बनाए जाते हैं, जिनकी काफी डिमांड रहती है. वर्तमान में हल्दी की कीमत 10,000 रुपये प्रति क्विंटल है. बढ़ती कीमतों का फायदा उठाने के लिए भी किसान दिन-रात हल्दी की कटाई पर ध्यान दे रहे हैं. सांगली के बाजार में भी हल्दी 10 हजार रुपये प्रति क्विंटल है.

खरीफ में लगातार हुए बारिश ने हर फसल को प्रभावित किया था. वहीं बेमौसम बारिश में हल्दी की खेती को भी बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ था. हल्दी के खेतों में पानी जमा होने से फसल खराब हो गई थी, नतीजतन उत्पादन में गरावट आई. ऐसा ही हाल कमोबेश महाराष्ट्र के सभी जिलों में रहा. उत्पादन में गिरावट के कारण कीमतों में वृद्धि हुई है. भविष्य में दाम और बढ़ने का अनुमान है. मौसम वैज्ञानिकों के पूर्वानुमान के मुताबिक, मराठवाड़ा में 21 अप्रैल से तापमान में कमी आ सकती है. रबी सीजन की फसलों की कटाई अंतिम चरण में है, लेकिन हल्दी उत्पादकों को हल्दी की कटाई करके उसे सुरक्षित स्थान पर रखने की चुनौती है. अगर कटाई के बाद हल्दी की फसल भीग गई तो अपूर्णीय क्षति होगी, इसलिए विशेषज्ञ इन सात दिनों के दौरान ही कटाई कर सही जगह पर भंडारण करने की सलाह दे रहे हैं.


Next Story