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यूपी। यूपी के बागपत में पुलिस (Baghpat Police) प्रताड़ना से परेशान मां और दो बेटियों ने जहर खाकर जान दे दी. गांव के दबंगों के डर और ख़ौफ से अपने ही घर में कैद इस परिवार पर पुलिस ने इतनी ज्यादती की, कि मां और दो बेटियों ने पुलिस के सामने ही जहर खा लिया. एक चिता की राख ठंडी नहीं हुई कि दो चिता और जलानी पड़ी. इस घटना के बाद लोगों में पुलिस के खिलाफ गुस्सा है. आरोप है कि पुलिस ने इन्हें ही इतना प्रताड़ित किया कि जिंदगी से ज्यादा मौत आसान नजर आने लगी. अब खाकी के दामन पर लगे तीन मौतों के दाग पुलिस के बेरहम होने की कहानी बयां कर रहे हैं. देर रात डीएम (Baghpat DM) के आश्वासन पर ग्रामीणों ने दाह संस्कार कराया और 75 लाख रुपये के मुआवजे की मांग रखी.
दरअसल मामला बागपत जनपद के छपरौली थाना क्षेत्र का है. यहां बाछौड़ गांव में एक प्रिंस नाम का लड़का गांव के ही कांति की लड़की (कोमल-18 वर्षीय) को लेकर भाग गया था. युवती के पिता कांति ने 3 मई को थाना छपरौली में लड़की की गुमशुदगी दर्ज करवाई थी. जिसमे पुलिस ने आईपीसी की धारा 366 में मुकदमा पंजिकृत कर लिया था. युवती के पिता का आरोप था कि गांव का ही प्रिंस पुत्र महकसिंह उनकी लड़की को बहला फुसलाकर कहीं भगा ले गया है. इसी मामले में बागपत पुलिस लड़के और लड़की की तलाश में जुटे थे. आये दिन प्रिंस के घर दबिश दी जा रही थी. 24 तारीख को दारोगा नरेशपाल की मौजूदगी में पुलिस प्रिंस के घर दबिश देने पहुंच गयी.
बताया जा रहा है कि पुलिस जब युवक के घर पहुंची तो किसी ने दरवाजा नहीं खोला. इस पर पुलिस दूसरे घरों की छत से चढ़कर अंदर दाखिल हो गयी. यहां पर पुलिस ने युवक और युवती की तलाश की लेकिन वह नहीं मिले. परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने वहां मौजूद युवक की मां गीता (45) और उसकी बहन प्रीति (17) और स्वाति (19) को प्रताड़ित किया. इस दौरान दूसरे पक्ष के लोगों ने भी पुलिस की मौजूदगी में ही उनके साथ अभद्रता की और अपशब्दों का इस्तेमाल किया. मृतका के पति महक सिंह ने आरोप लगाया है कि उन्होंने उनकी बेटियों को गांव में नंगा घुमाने और उनके साथ बर्बरता करने का फरमान सुना दिया. वहीं जब प्रताड़ना हद से ज्यादा बढ़ गयी तो उनकी पत्नी और बेटियों ने घर में रखे जहरीले पदार्थ को पुलिस के सामने ही खा लिया.
जहर खाते देख पुलिस के हाथ पांव फूल गए. आनन फानन में उन्होंने मामले की जानकारी थाना पुलिस को दी. सूचना पर पहुंची थाना पुलिस ने सारे मामले से उच्चाधिकारियों को अवगत कराया और महिला और उसकी दोनो बेटियों को लेकर सीएचसी पहुंचे. जहां से उन्हें बडौत मेडिसिटी हॉस्पिटल के लिए रेफर कर दिया गया. लेकिन हालत गंभीर होने के कारण डॉक्टरों की टीम ने उन्हें यहां से भी मेरठ के सुभारती अस्पताल के लिए रेफर कर दिया. अभी इलाज चल ही रहा था कि स्वाति ने मंगलवार रात्रि में ही दम तोड़ दिया.
मेरठ के सुभारती हॉस्पिटल से स्वाति के शव को लेकर बुधवार दोपहर में परिजन गांव पहुंचे. उसके सबसे छोटे भाई सूरज ने चिता को मुखाग्नि दी. इसी बीच उसकी मां गीता, बहन प्रीति जिंदगी और मौत से लड़ रहे थे, उनकी भी हालत चिंताजनक बनी हुई थी. वहीं स्वाति की चिता की आग अभी ठंडी भी नही हुई थी कि इतने में बुधवार रात्रि में उसकी बहन प्रीति व मां गीता भी जिंदगी की जंग हार गए और उन्होंने भी मौत को गले लगा लिया. गांव में गुरुवार की सुबह जैसे ही इस बात की जानकारी लगी तो मातम छा गया. एक ही परिवार से तीन मौत होने पर पूरा गांव रो पड़ा.