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पश्चिम। पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिला Birbhum Violence अंतर्गत रामपुरहाट ब्लाक के बगटुई गांव में नौ लोगों को जिंदा जलाए जाने की घटना के बाद पुलिस का पूरे राज्य में अभियान जारी है. मालदा (Malda) में हथियारों की फैक्ट्री मिली है, जिसमें भारी मात्रा में हथियार और कारतूस बरामद किये गये हैं. दूसरी ओर, हाईकोर्ट के आदेश के बाद जांच कर रहे केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की टीम जोर शोर से छापेमारी अभियान भी चला रही है. बुधवार को पांच अलग-अलग जगहों पर सुबह से ही छापेमारी चल रही है. सीबीआई की 30 सदस्यीय टीम पांच हिस्से में बंट चुकी है और इस नरसंहार को अंजाम देने वालों की तलाश में जगह-जगह मैराथन जांच पड़ताल अभियान चल रही है. इस बीच, मूल आरोपी अनारुल हुसैन सहित नौ आरोपियों से पूछताछ की गई.
पुलिस को मालदा में आग्नेयास्त्रों और कारतूस कारखाना मिला. पुलिस को मालदा चंचल थाना क्षेत्र के देबीगंज गांव में आग्नेयास्त्र और गोला बारूद बनाने की फैक्ट्री का पता चला है. पुलिस ने 38 कारतूस और विभिन्न हथियार और गोला बारूद बनाने के उपकरण बरामद किए. चंचल पुलिस संतोष करमाकर नाम के एक शख्स को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. उसके घर से भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद हुआ है. पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि घटना में और कौन लोग शामिल हैं.
दूसरी ओर, बीरभूम के अलावा कई अन्य जिलों में आरोपितों के फरार होने की संभावना है जिसे लेकर सीबीआई पुलिस इंटेलिजेंस का इस्तेमाल कर रही है. केंद्रीय एजेंसी के सूत्रों ने बताया है कि 70 से 80 लोगों ने मिलकर गांव में आगजनी को अंजाम दिया था. इनमें से महज 11 लोगों को पकड़ा जा सका है, बाकी फरार हैं. गिरफ्तार किए गए लोगों से पिछले चार दिनों से लगातार पूछताछ हो रही है और संदिग्धों की तलाश तेज हो गई है. खास बात यह है कि सीबीआई को हाईकोर्ट ने यह विशेषाधिकार दिया है कि जिस पर भी संदेह हो उसे गिरफ्तार किया जा सकता है इसलिए केंद्रीय एजेंसी ताबड़तोड़ धरपकड़ अभियान चलाने में जुट गई है. दूसरी ओर वारदात के बाद अपने परिवार के साथ लोगों को खोने वाले मिहिलाल शेख जो गांव छोड़कर दूसरी जगह शरण लिए हुए थे, वह वापस बागतुई गांव लौट आए हैं. सूत्रों ने बताया है कि सीबीआई की ओर से सुरक्षा का आश्वासन दिए जाने के बाद ही वह बुधवार को वक्त भी गांव में लौटे हैं.
इसके अलावा जांच और बेहतर तरीके से हो सके और सभी घटनाओं को सीबीआई की टीम अच्छी तरीके से समझ सके इसके लिए उन अग्निशमन कर्मियों और थाने के उन पुलिसकर्मियों की सूची सीबीआई ने बनाई है जो सबसे पहले घटनास्थल पर पहुंचे थे. दावा है कि रात 10:30 बजे के करीब अग्निशमन टीम पहुंच गई थी जबकि आगजनी का काम 9:00 से 9:30 के बीच हो रहा था, इसलिए सीबीआई उन अधिकारियों से बातचीत कर यह जानना चाहती है कि जब अग्निशमन कर्मी अथवा पुलिसकर्मी जो सबसे पहले घटनास्थल पर पहुंचे उन्होंने क्या देखा, वहां क्या हो रहा था और कौन-कौन से लोग शामिल थे. इस बारे में उनसे तलब कर पूछताछ की गयी.