इंसान के सबसे वफादार दोस्त कुत्ते के साथ रिश्ते अब कुछ बिगड़ते दिख रहे हैं. एक के बाद एक कुत्तों के हमलों की घटनाएं आती जा रही हैं. बीते जुलाई लखनऊ में एक पिट्सबुल द्वारा अपनी ही मालकिन को जान से मारने की घटना के बाद जो चर्चाएं शुरू हुईं वो अब लगतार बढ़ते कुत्तों के हमलों के साथ और तेज़ हो गई हैं. परेशानी सिर्फ विदेशी नस्ल के कुत्ते नहीं है. नोएडा सेक्टर 100 की हाईराइज़ सोसायटी में सोमवार, 17 अक्टूबर को आवारा कुत्तों ने एक 7 महीने के मासूम को नोच-नोचकर जान से मार दिया. इस घटना के बाद कुत्तों को खाना खिलाने वाले डॉग लवर्स और हेटर्स के बीच घमासान छिड़ गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने बीते 12 अक्टूबर को एनिमल वेलफेयर बोर्ड ने कुत्तों के काटने के राज्यों और प्रमुख शहरों के बीते 7 साल के आंकड़े और रोकथाम के उपयों की जानकारी मांगी. वर्ष 2021 के आंकड़ों के अनुसार, हर दिन कुत्ते समेत अन्य जानवर 19,938 लोगों को काट रहे हैं. WHO ने कहा है कि दुनियाभर में होने वाले रेबीज़ के मामलों में से 99 प्रतिशत केवल कुत्तों के काटने से हो रहे हैं.
सरकार द्वारा संसद में दी गई जानकारी के अनुसार, देश में वर्तमान में 1.53 करोड़ आवारा कुत्ते हैं. इसमें सबसे अधिक कुत्ते उत्तर प्रदेश में हैं जिनकी गिनती 20 लाख से अधिक है. इसके बाद राजस्थान, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश की गिनती आती है. आंकड़ों के अनुसार, मणिपुर, दादर व नगर हवेली और लक्षद्वीप में एक भी कुत्ता नहीं है.