हरियाणा। भारतीय नौसेना में भर्ती के मामले में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया है. यह इंडियन नेवी में जॉब के लिए जरूरी मेडिकल टेस्ट की जरूरतों के संबंध में है. हाईकोर्ट ने एक टेस्टिकल (One Testicle) को नौसेना में नौकरी का आधार मानने से इनकार कर दिया. कोर्ट के फैसले के अनुसार अगर किसी व्यक्ति के पास दो की जगह सिर्फ एक ही टेस्टिकल है, तो भी उसे नेवी में नौकरी पाने से रोका नहीं जा सकता है. पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने अपने सिंगल बेंच के फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि किसी नियमावली में ऐसा नहीं लिखा है कि इस मेडिकल कंडीशन तो वह सेना में अपनी सेवा (Indian Navy Job) नहीं दे सकता.
नौसेना भर्ती के एक उम्मीदवार ने पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab Haryana High Court) में याचिका लगाई थी, जिसमें कहा गया था कि नेवी में उसे नौकरी सिर्फ इसलिए नहीं मिल सकी क्योंकि उसका एक ही टेस्टिकल है. इस कारण उसे इंडियन नेवी मेडिकल टेस्ट में फेल कर दिया गया. सिंगल बेंच ने नेवी के इस आधार को गलत बताया था और उम्मीदवार के हक में फैसला सुनाया था.
इसके बाद केंद्र की ओर से सिंगल जज बेंच के फैसले को चुनौती दी गई. लेकिन डिवीजन बेंच ने इस याचिका को खारिज करते हुए कहा कि 'ऑन रिकॉर्ड ऐसा कुछ नहीं है जिसमें यह बताया गया हो कि यह कोई ऐसी अयोग्यता है जो भारतीय नौसेना की सेवा के रास्ते में आए. न ही आदेश में ऐसा कहा गया है कि इस जेनेटिक डिफेक्ट के कारण याचिकाकर्ता नौसेना की सेवा करने की स्थिति में नहीं होगा.'
इस मामले में हरियाणा के निवासी युवक ने नेवी में आर्टिफिसर अप्रेंटिस की जॉब के लिए अप्लाई किया था. वह सेलेक्शन प्रॉसेस में शामिल हुआ. अन्य राउंड्स क्लीयर किए, लेकिन मेडिकल टेस्ट में अनफिट करार दे दिया गया. नेवी ने कारण बताया कि उसके पास सिर्फ एक टेस्टिस (Testis) है, इसलिए उसका सेलेक्शन नहीं हो सकता. इसके बाद उस अभ्यर्थी ने कोर्ट में अपील की.
तब एक जज की बेंच ने कैंडिडेट के हक में फैसला सुनाते हुए उसका दोबारा मेडिकल टेस्ट (Navy Medical Test) कराए जाने और अन्य मानकों पर फिट होने पर उसका सेलेक्शन करने का आदेश दिया था. इसी फैसले को केंद्र ने चुनौती दी थी. लेकिन अब डिवीजन बेंच ने भी उस फैसले को बरकरार रखते हुए इस मामले पर पुनर्विचार करने और तीन महीने के अंदर जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया है.