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दिल्ली। दिल्ली सरकार ने पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण के खिलाफ जंग तेज कर दी है. कृषि विभाग ने राजधानी के बुराड़ी गांव से पराली गलाने के लिए बायो डी-कंपोजर के छिड़काव की शुरुआत कर दी है. दिल्ली सरकार इस साल 5 हजार एकड़ से ज्यादा खेतों में मुफ्त बायो डी-कंपोजर का छिड़काव करने का लक्ष्य लेकर चल रही है. दिल्ली सरकार ने बायो डी-कंपोजर का छिड़काव करने के लिए 21 टीमों का गठन किया है. फिलहाल, बासमती और गैर बासमती धान के सभी खेतों में सरकार की तरफ से मुफ्त में बायो डी-कंपोजर का छिड़काव किया जाएगा. इसके लिए किसानों से एक फॉर्म भरवाया गया है.
दिल्ली-एनसीआर में ठंड के मौसम में किसानों द्वारा पराली जलाने से प्रदूषण की समस्या बढ़ जाती है. वातावरण एकदम दमघोंटू सा हो जाता है, जिसकी वजह से सांस लेना तक मुश्किल हो जाता है. अब दिल्ली सरकार इस समस्या से निपटने के लिए 15 सूत्रीय विंटर एक्शन प्लान पर काम कर रही है.
दिल्ली के अंदर कुछ हिस्सों में ही धान की खेती की जाती है. दिल्ली में पराली से प्रदूषण न हो, इसीलिए पिछले साल भी बायो डी-कंपोजर का मुफ्त छिड़काव किया गया था. इसके परिणाम बेहद सकारात्मक रहे थे. हालांकि, इसमें किसानों के सामने एक समस्या जरूर आती है. धान की फसल की कटाई और गेहूं की बुवाई के बीच में समय अंतराल कम होता है. गेहूं की बुवाई को लेकर किसानों को ज्यादा परेशानी ना हो सरकार समय रहते अभी से इस काम में जुट गई है. पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि जिन किसानों ने फॉर्म भर दिए हैं. उनके खेतों में जल्द से जल्द निःशुल्क बायो डी-कंपोजर का छिड़काव करा दिया जाए. बायो डी-कंपोजर के छिड़काव के लिए अभी तक 957 किसानों ने फॉर्म भरा है.
मंत्री गोपाल राय ने दिल्ली के किसानों से अपील की है कि जिन किसानों ने अभी तक किसी वजह से छिड़काव के लिए फॉर्म नहीं भरा है, वे अभी भी फॉर्म भर सकते हैं. उनके खेतों में भी निःशुल्क छिड़काव कराया जाएगा. वहीं, दिल्ली सरकार दिवाली पर्व के दौरान प्रदूषण को नियंत्रित करने को लेकर बुधवार यानी 19 अक्टूबर को दिल्ली सचिवालय में उच्च अधिकारियों के साथ बैठक बुलाई है.