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ताइवान को लेकर चीन और अमेरिका आमने सामने आ चुके हैं. अमेरिकी स्पीकर नैंसी पेलोसी के ताइवान दौरे को लेकर ड्रैगन तल्ख हो उठा है. मंगलवार देर शाम अमेरिकी स्पीकर नैंसी पेलोसी ताइवान पहुंची हैं. इस दौरे के विरोध में चीन सिर्फ बयानबाजी ही नहीं कर रहा है. ताइवान के डिफेंस जोन में 21 एयरक्राफ्ट उड़ाकर चीन ने चेतावनी भी दी है. 25 सालों में अमेरिका के चुने हुए सर्वोच्च नेताओं में से किसी का यह पहला ताइवान दौरा है. ताइवान का कहना है कि मंगलवार उसके डिफेंस जोन में सिर्फ चीनी एयरक्राफ्ट्स ने ही एंट्री नहीं की है. बल्कि उन पर साइबर अटैक भी हुआ है. चीन ने इस दौरे को लेकर 'गंभीर परिणाम' की धमकी दी है.
चीन, ताइवान और अमेरिका के बीच शुरू हुई यह खींचातानी यूक्रेन और रूस की याद दिलाती है. अगर चीन और ताइवान के बीच कोई युद्ध शुरू होता है, तो दुनियाभर के टेक बाजार ठंडे पड़ सकते हैं. इसकी वजह ताइवान है. क्षेत्रफल और जनसंख्या में ताइवान भले ही बहुत छोटा हो, लेकिन टेक्नोलॉजी और सेमीकंडक्टर वर्ल्ड में इसका रोल बहुत बड़ा है. दुनियाभर के 90 परसेंट एडवांस सेमीकंडक्टर ताइवान में ही तैयार किए जाते हैं. पिछले साल ताइवान ने 118 अरब डॉलर का एक्सपोर्ट सिर्फ सेमीकंडक्टर कैटेगरी में किया है.
TSMC यानी ताइवान सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कंपनी का घर ताइवना ही है. ऐपल, AMD, Nvidia, ARM जैसे बड़े ब्रांड्स इसके क्लाइंट हैं. कंपनी इन सभी के लिए एडवांस चिप तैयार करने का काम करती है.
इन चिप्स से ही आपके स्मार्टफोन, कार, लैपटॉप और दूसरी इलेक्ट्रिक चीजें काम करती हैं. इन चिप्स के बिना आपको कोरोना वायरस महामारी वाले दिन वापस से देखने पड़ सकते हैं. नई कार से लेकर नए स्मार्टफोन या फिर नए लैपटॉप तक के लिए हमें लंबा इतंजार करना होगा. CNN को दिए एक इंटरव्यू में TSMC प्रेसिडेंट Mark Liu ने कहा था कि ताइवान पर हमले से ना सिर्फ चीन या ताइवान की अर्थव्यवस्था प्रभावित होगी, बल्कि तमाम पश्चिमी देशों पर भी इसका असर होगा.