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दिल्ली। भारत में मंकीपॉक्स अब धीरे-धीरे अपने पैर पसारने लगा है. कई शहरों में इसके मामले सामने आने के बाद हेल्थ एक्सपर्ट्स भी अब अलर्ट मोड में आ गए हैं. दुनिया भर में इसके खतरे को बढ़ते देख संयुक्त राष्ट्र एजेंसी भी इसे ग्लोबल इमरजेंसी घोषित कर चुकी है. WHO ने भी मंकीपॉक्स के जोखिम को कम करने के लिए कई तरह की गाइडलाइन्स जारी की हैं जिसमें पुरुषों के सेक्सुअल बिहेवियर से जुड़ी कुछ खास बातें हैं.
WHO के महानिदेशक टेड्रोस घेब्रेयसस ने कहा कि इसका सबसे पहला मामला मई में सामने आया था. इसके बाद से 98% मंकीपॉक्स के मामले गे, बायसेक्सुअल और पुरुषों के साथ यौन संबंध रखने वाले पुरुषों में पाए गए हैं. टेड्रोस ने लोगों से अपनी सुरक्षा के लिए कदम उठाने की सलाह दी है. उन्होंने कहा, 'पुरुषों के साथ यौन संबंध रखने वाले पुरुषों को अपने और दूसरों के लिए सुरक्षित विकल्प बनाना चाहिए. इसके लिए सेक्सुअल पार्टनर्स की संख्या भी कम करनी चाहिए.'
WHO प्रमुख ने कहा कि मंकीपॉक्स से संक्रामक मरीज को खुद को आइसोलेट कर लेना चाहिए और किसी भी भीड़भाड़ वाली जगह पर जाने से बचना चाहिए. साथ ही किसी भी फिजिकल कॉन्टेक्ट या फिर नए सेक्सुअल पार्टनर बनाने से भी बचना चाहिए. हालांकि, US सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने सेक्सुअल पार्टनर की संख्या कम करने जैसा कोई सुझाव नहीं दिया है. एजेंसी ने बस मंकीपॉक्स से संक्रमित मरीजों से स्किन टू स्किन कॉन्टेक्ट ना रखने की सलाह दी है.
WHO के अनुसार, मंकीपॉक्स किसी मरीज, उसके कपड़ों या बेडशीट के संपर्क में आने वाले को भी संक्रमित कर सकता है. स्वास्थ्य एजेंसी ने चेतावनी दी है कि कमजोर इम्यूनिटी वालों जैसे कि बच्चों या गर्भवती महिलाओं में यह बीमारी अधिक गंभीर हो सकती है. WHO के सलाहकार एंडी सील ने कहा कि विशेषज्ञों के अनुसार मंकीपॉक्स स्पष्ट रूप से सेक्स के दौरान फैला लेकिन उन्होंने अभी तक यह निष्कर्ष नहीं निकाला है कि यह यौन संचारित संक्रमण था या नहीं.