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खेती-किसानी भी इंसान का जीवन बदल सकती है. अजमेर की रहने वाली अंकिता कुमावत ने कुछ ऐसा ही कर दिखाया है. अंकिता को बचपन से ही खेती-किसानी में दिलचस्पी थी, उन्होंने IIM कोलकाता से एमबीए की पढ़ाई की. कुछ साल नौकरी करने के बाद उन्होंने 2014 में ऑर्गेनिक खेती की तरफ रुख कर लिया.
इंटीग्रेटेड फार्मिंग के जरिए वह हर साल तकरीबन 22 लाख रुपये का शुद्ध मुनाफा कमाती हैं. उन्होंने बताया कि वे गेहूं, तिल, आवंला, खजूर, सब्जियों समेत कई फसलों की खेती करती हैं. इसके अलावा वह डेयरी फार्मिंग भी करती हैं. बता दें कि इंटीग्रेटेड फार्मिंग एक ऐसी तकनीक हैं, जिसमें किसान खेती और पशुपालन से जुड़े कृषि के सभी कार्यों को आसपास एक ही जगह पर करने की कोशिश करता है. इसका फायदा ये है कि उन्हें खेतों के लिए डेयरी से खाद मिल जाता है. वहीं, अपने दुधारू पशुओं के लिए खेतों से चारे की व्यवस्था हो जाती है.
अंकिता आगे बताती हैं कि वे जिन भी फसलों की खेती करती हैं और मुनाफे वाली उपज को बेचती नहीं है, बल्कि उससे वैल्यू एडेड प्रोडक्ट तैयार करती हैं. अंकिता बताती हैं कि वह डेयरी से हासिल होने वाले दूध को बेचने के बजाए, उससे घी, पनीर बटर, दही बनाने के बाद उसे मार्केट में सप्लाई करती हैं. जिससे उन्हें दूध बेचने की जगह ज्यादा मुनाफा हासिल हो जाता है. अंकिता होममेड च्यवनप्राश का भी बिज़नेस कर रही हैं. वह शुगर फ्री चव्यनप्राश बनाती हैं. इसमें मिठास के लिए वह खजूर का इस्तेमाल करती हैं. इसके अलावा वह मधुमक्खी पालन भी करती है, जिसके शहद को भी बाजार में बेचकर वह बढ़िया मुनाफा कमा रही हैं.
अंकिता के मुताबिक, उनके द्वारा घी की बाजार में काफी मांग है. इसके अलावा बड़े पैमाने पर आंवला की भी खेती करती हैं. आवंला से वह कई तरह के मुरब्बे, आचार, तेल और मसाले बनाने का काम करती हैं. इसके अलावा वह ऑर्गेनिक तरीके से नमकीन भी बनातीं हैं.